दिल्ली हाईकोर्ट कोर्ट के अंदर में ही वकीलों ने शख्स को पीटा, जज बोले- पुलिस संभाल नहीं सकती तो हमें बताएं
सोमवार को दिल्ली हाईकार्ट में महिला वकील के संपत्ति विवाद को लेकर काफी हंगामा हो गया। कुछ वकीलों ने कोर्ट रूम नंबर 7 में घुसकर एक अनजान शख्स पर लात-घूंसे बरसा दिए। जब यह घटना हुई उस वक्त कोर्ट रूम में बेंच नहीं बैठी थी, लेकिन दोपहर में ब्रेक के बाद दो जजों की बैठक ने इस घटना पर अपनी नाराजगी जाहिर की। जस्टिस सिद्धार्थ मृदुल और जस्टिस दीपा शर्मा ने इस घटना को लेकर कहा कि कोर्ट को अखाड़े में तब्दील करने की कोशिश न कि जाए। साथ ही जजों की बैठक ने कहा कि यदि पुलिस कानून व्यवस्था नहीं संभाल पा रही है तो हमें बताएं।
दरअसल यह कोर्ट में एक महिला वकील के संपत्ति विवाद की सुनवाई होनी थी। तभी कुछ वकील कोर्ट रूम नंबर 7 में घुस आए और एक अनजान शख्स की पिटाई कर दी। मारपीट करने वाले वकीलों ने अनजान शख्स पर महिला वकील के केस की पैरवी कर रहे वकीलों के घर पर हमला करने का आरोप लगाया है। वकीलों के मुताबिक जिस शख्स की उन्होंने पिटाई की है उसने महिला वकील की पैरवी करने वाले वरिष्ठ वकील कीर्ति उप्पल, विकास पाहवा और रवि शर्मा की कार पर पेट्रोल बम फेंका था।
इसके बाद जब जज कोर्ट रूम में पहुंचे तो उन्होंने कोर्ट रूम में वकीलों द्वारा की गई मारपीट करने पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि ‘हम कोर्ट को अखाड़े में तब्दील करने की अनुमति नहीं दे सकते। क्या कोई भी सुरक्षित है? हम चिंतित हैं कि हमलावर खुला घूम रहा है।’ इसके साथ ही बेंच ने पुलिस को भी फटकार लगाई और कानून व्यवस्था बनाए रखने के निर्देश दिए।
जजों की बैठक ने इस घटना के बाद रजिस्ट्रार को भी आड़े हाथ लिया। राजिस्ट्रार से अनजान शख्स के बारे में पूछा कि कोर्ट परिसर में लोग कैसे घुस रहे हैं। कोर्ट ने वकीलों से शांति बनाए रखने की बात कही और साथ ही कहा कि अगर पुलिस कानून व्यवस्था बनाने में कामयाब नहीं हो रही तो वो जजों को इस बारे में बता सकते हैं। वहीं दिल्ली हाई कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष कीर्ति उप्पल ने इस पूरे मामले की जांच के लिए एसआईटी गठित करने और वकीलों को सुरक्षा देने की मांग की है। जजों की बैठक ने इस पूरे मामले में पुलिस से 2 दिन में रिपोर्ट मांगी है।