म्यांमार द्वारा भारतीय सीमा के 3 किमी अंदर गाड़ा गया बॉर्डर पिलर, स्थानीय लोगों में इसके खिलाफ नाराजगी
भारत के पड़ोसी देश म्यांमार द्वारा एक बॉर्डर पिलर भारतीय सीमा के 3 किमी अंदर गाड़ दिया गया है, जिस पर स्थानीय लोगों में गहरी नाराजगी है। चूंकि यह पिलर मणिपुर की सीमा के अंदर गाड़ा गया है, इस कारण यहां के स्थानीय लोगों में इसके खिलाफ नाराजगी है। फिलहाल स्थिति को देखते हुए मणिपुर सरकार ने मामले की जांच के लिए एक कमेटी का गठन किया है। दरअसल हाल ही में म्यांमार सरकार ने भारतीय सीमा पर कुछ बॉर्डर पिलर का निर्माण किया है, जिसमें से मणिपुर के तेंगनुपाल जिले के क्वाथा इलाके में बनाए गए बॉर्डर पिलर पर स्थानीय लोगों में गुस्सा है, लोगों का कहना है कि यह भारतीय सीमा है, लेकिन सरकार ने म्यांमार को खुश करने के लिए इस पर कोई आपत्ति नहीं जतायी है।
गुरुवार को मणिपुर की कांगलापेक कांबा लुप और पीपुल्स रिसर्जेंस एंड जस्टिस अलायंस पार्टियों के कुछ नेताओं और कुछ पत्रकारों ने विवादित स्थल का दौरा भी किया है। इस दौरान विवादित पिलर की सुरक्षा में असम राइफल्स और पुलिस के जवान तैनात थे। अब इस मसले पर केन्द्र और राज्य में विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने सरकार की आलोचना की है और सरकार पर भारतीय जमीन को म्यांमांर को देने का आरोप लगाया है। वहीं इस पूरे विवाद पर मणिपुर के सीएम एन.बीरेन सिंह ने कांग्रेस के आरोपों को निराधार बताया है। बीरेन सिंह के अनुसार, इलाके का म्यांमार और भारतीय टीमों द्वारा सर्वे किया गया था। जिसके बाद ही दोनों पक्षों में रजामंदी बनी थी।
हालांकि बीरेन सिंह ने कहा कि अभी तक दोनों देशों के बीच बॉर्डर तय नहीं किया गया है और तेंगनुपाल जिले में विवादित पिलर मामले की जांच की जा रही है। शुक्रवार को कांग्रेस के 6 विधायकों की एक टीम ने विवादित स्थल का दौरा किया है। कांग्रेस नेताओँ का कहना है कि वह म्यांमार द्वारा भारतीय सीमा के अतिक्रमण के खिलाफ जनता के साथ मिलकर आंदोलन करेंगे। बता दें कि भारत और म्यांमार के बीच 1643 किलोमीटर लंबा बॉर्डर है, जो कि भारत के 4 उत्तर-पूर्वी राज्यों अरुणाचल प्रदेश, नागालैंड, मणिपुर और मिजोरम से होकर गुजरता है।