दुनिया मेरे आगे- पढ़ाई की लड़ाई

शिप्रा किरण यों तो देश में महिला-शिक्षा की दर में बढ़ोतरी हुई है। लेकिन जिस रफ्तार और तादाद में इसे पूरा होना चाहिए था, वह सपना अभी कोसों दूर दिखाई पड़ रहा है। सबसे बड़ी कठिनाई अभी उच्च शिक्षा के क्षेत्र में है, जहां महिलाओं का प्रतिशत आज भी बहुत कम है। किसी भी राष्ट्र का पूर्ण विकास तभी संभव है जब उसकी पुरुष आबादी के साथ-साथ बाकी आधी आबादी यानी महिलाओं को भी उनके सभी अधिकार समान रूप से मिलें। अधिकार मिलने का मतलब यह नहीं कि सिर्फ कानून
» Read more