बेबाक बोलः गढबड़ गाथा- नोटबंदी की नाकामी
ज्यां द्रेज के शब्दों में कहें तो आपने तेज चलती गाड़ी के टायर में गोली मार दी या फिर झरने के नीचे पोछा लगाना शुरू कर दिया। यानी नकद नारायण पर निर्भर देश की 86 फीसद मुद्रा को चलन से बाहर कर दिया। इसके पहले 2013 में रिजर्व बैंक ने 2005 के पहले छपे नोटों को वापस मंगाया। उस समय यह धनवापसी बिना किसी जान-माल के नुकसान के संपन्न हो गई थी और कोई हंगामा भी नहीं बरपा था। अब जबकि 99 फीसद मुद्रा उर्जित पटेल की अगुआई वाले रिजर्व
» Read more