पीएम नरेंद्र मोदी के रूस दौरे के दौरान हुई राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन के साथ बैठक

रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन ने सोमवार को भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ बैठक के दौरान कहा कि रूस और भारत के रक्षा मंत्रालयों के करीबी सहयोग से दोनों देश के बीच उच्च रणनीतिक स्तर की साझेदारी बनी हुई है। समाचार एजेंसी तास ने पुतिन के हवाले से कहा, “हमारे रक्षा मंत्रालय एक-दूसरे के साथ काफी करीबी संपर्क और सहयोग बनाए रखते हैं। यह दोनों देश के बीच एक उच्चस्तरीय रणनीतिक साझेदारी के बारे में बताता है।”

रूसी नेता ने संयुक्त राष्ट्रसंघ, ब्रिक्स, शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) जैसे मंचों पर दोनों देशों की संयुक्त गतिविधियों की भी सराहना की। मोदी की यह नौ घंटे की रूस यात्रा रूसी कंपनियों पर लगे अमेरिकी प्रतिबंध कर हल तलाशने को लेकर इस महीने की शुरुआत में हुई राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और विदेश सचिव विजय गोखले की यात्रा के बाद हो रही है। पुतिन के इस साल के अंत में भारत में वार्षिक द्विपक्षीय शिखर सम्मेलन में भाग लेने की उम्मीद है।

बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को कहा कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ उनकी वार्ता से दोनों देशों के बीच संबंधों में और मजबूती आएगी। प्रधानमंत्री सोमवार को पुतिन क साथ अनौपचारिक शिखर सम्मेलन के लिए रूस के सोची शहर जाएंगे।

रूस के दौरे पर जाने से पहले मोदी ने कहा, “रूस के मित्रतापूर्ण लोगों का अभिनंदन। मैं कल (सोमवार) सोची के दौरे पर जाने और राष्ट्रपति पुतिन से अपनी मुलाकात का इंतजार कर रहा हूं। उनसे मिलना हमेशा सुखद होता है।”

मोदी ने कहा, “मेरा विश्वास है कि राष्ट्रपति पुतिन के साथ वार्ता से भारत और रूस के बीच विशिष्ट रणनीतिक साझेदारी में मजबूती आएगी।” प्रधानमंत्री के दौरे से पहले राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल और विदेश सचिव विजय गोखले इसी महीने रूस गए थे। उन्होंने वहां रूसी कंपनियों पर अमेरिकी प्रतिबंध से बाहर निकलने के रास्ते पर विचार-विमर्श किया था।

हथियारों का व्यापार करने वाली रूस की सरकारी कंपनी रोसेबोरोनेक्सपोर्ट समेत रूसी कुलीन तबके के कुछ लोगों और कंपनियों पर प्रतिबंध से मास्को से सैन्य साजो-सामान की खरीद पर संभावित प्रभाव को लेकर भारत की चिंता बढ़ गई है।

विदेश मंत्रालय ने एक विज्ञप्ति में कहा कि मोदी का रूस दौरा एक अहम मौका होगा क्योंकि वह पुतिन से अंतर्राष्ट्रीय मसलों पर अपने विचारों का आदान-प्रदान करेंगे। साथ ही, विशेषाधिकृत रणनीतिक साझेदारी को मजबूती प्रदान करने के दीर्घकालीन परिप्रेक्ष्य में बातचीत करेंगे।

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