जस्टिस रंजन गोगोई को देश का अगला चीफ जस्टिस बनना लगभग तय, जस्टिस दीपक मिश्रा ने की सिफारिश


भारत के मुख्‍य न्‍यायाधीश जस्टिस दीपक मिश्रा के खिलाफ विरोध का झंडा बुलंद करने वाले जजों में शामिल रहे जस्टिस रंजन गोगोई का देश का अगला चीफ जस्टिस बनना लगभग तय हो गया है। सुप्रीम कोर्ट के मौजूदा CJI जस्टिस दीपक मिश्रा ने केंद्र से उनके नाम की सिफारिश की है। मालूम हो कि मौजूदा CJI पर ही अपना उत्‍तराधिकारी तय करने का दायित्‍व होता है। मुख्‍य न्‍यायाधीश दीपक मिश्रा 2 अक्‍टूबर को रिटायर होने वाले हैं। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, केंद्र सरकार की स्‍वीकृति के बाद जस्टिस गोगोई 3 अक्‍टूबर को देश के 46वें CJI के तौर पर पद संभालेंगे। उनका कार्यकाल तकरीबन एक साल का ही होगा, क्‍योंकि वह 17 नवंबर, 2019 को रिटायर हो जाएंगे। मौजूदा मुख्‍य न्‍यायाधीश के बाद जस्टिस गोगोई ही सबसे वरिष्‍ठ जज हैं। परंपरा के अनुसार, मौजूदा CJI को वरिष्‍ठतम जज को ही अपना उत्‍तराधिकारी चुनना होता है। कानून मंत्रालय ने कुछ दिनों पहले ही CJI दीपक मिश्रा से अपने उत्‍तराधिकरी के नाम की सिफारिश करने का आग्रह किया था। परंपरा के मुताबिक कानून मंत्रालय CJI को पत्र लिखकर अपने उत्‍तराधिकारी के नाम की सिफारिश करने का अनुरोध किया था।

 

केंद्र की स्‍वीकृति के बाद राष्‍ट्रपति दिलाएंगे शपथ: CJI की सिफारिश के बाद अब केंद्र सरकार जस्टिस गोगोई के नाम पर विचार करेगी। मंजूरी मिलने के बाद राष्‍ट्रपति रामनाथ कोविंद उन्‍हें मुख्‍य न्‍यायाधीश के पद और गोपनीयता की शपथ दिलाएंगे। मौजूदा प्रावधानों के तहत CJI अब औपचारिक तौर पर कानून मंत्रालय को पत्र लिखकर अपने उत्‍तराधिकारी का नाम देंगे। बता दें कि मौजूदा मुख्‍य न्‍यायाधीश दीपक मिश्रा के लिए 1 अक्‍टूबर अंतिम दिन होगा, क्‍योंकि 2 अक्‍टूबर को राष्‍ट्रीय अवकाश है।

40 साल पहले बार का सदस्‍य बने थे जस्टिस गोगोई: जस्टिस रंजन गोगोई का जन्‍म वर्ष 1954 में हुआ था। वह वर्ष 1978 में बार काउंसिल के सदस्‍य बने थे। जस्टिस गोगोई साल 2001 में गोवाहाटी हाई कोर्ट के जज बने थे। 12 फरवरी, 2011 को जस्टिस गोगोई पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट के मुख्‍य न्‍यायाधीश नियुक्‍त किए गए थे।

CJI दीपक मिश्रा के खिलाफ उठाई थी आवाज: इस साल जनवरी में सुप्रीम कोर्ट के चार वरिष्‍ठतम जजों ने प्रेस कांफ्रेंस कर CJI दीपक मिश्रा के कामकाज के तौर-तरीकों पर गंभीर सवाल उठाए थे। इन 4 जजों में जस्टिस रंजन गोगोई भी शामिल थे। उनके अलावा जस्टिस जस्‍ती चेलामेश्‍वर (अब रिटायर), जस्टिस कुरियन जोसेफ और जस्टिस मदन बी. लोकुर ने भी सार्वजनिक तौर पर CJI दीपक मिश्रा की आलोचना की थी।

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