Video: कासगंज के मुस्लिमों का संदेश-पाकिस्तान मुर्दाबाद था, है और रहेगा

उत्तर प्रदेश के कासगंज में हुई सांप्रदायिक हिंसा के बाद शहर फिर से अमन और चैन की पटरी पर लौट रहा है। शहर के मुस्लिम समुदाय के लोगों ने कहा है कि उनके लिए पाकिस्तान मुर्दाबाद था, है और रहेगा। उन्होंने वंदे मातरम से ऐतराज का कारण भी बताया। समाचार चैनल आजतक ने कासगंज के मुस्लिम समुदाय से बातचीत का एक वीडियो सोशल मीडिया पर अपलोड किया है, जो कि वायरल हो रहा है। वीडियो में मुस्लिम समुदाय के लोग अमन और चैन की बात करते दिख रहे हैं। रिपोर्टर के सवालों के जवाब में लोगों ने बताया कि सरकार और प्रशासन की मुस्तैदी से शहर में फिर से शांति हो गई है। एक युवक ने कहा- ”हम पहल करना चाहते हैं, अगर वो (हिंदू) तिरंगा यात्रा निकालना चाहें तो 15 अगस्त को हम उनके साथ हैं। हम ये चाहते हैं कि मुसलमानों को साथ लें, पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे लगाएं तो हमें भी साथ लें न, हम उनसे पहले और उनसे आगे नारे लगाएंगे पाकिस्तान मुर्दाबाद के। पाकिस्तान मुर्दाबाद था, है और हमेशा रहेगा।”

वहीं एक और शख्स ने वंदे मातरत से ऐतराज का कारण भी बताया। शख्स ने कहा- ”हम अल्लाह के सिवा किसी और की पूजा नहीं कर सकते हैं, हम सिर्फ एक अल्लाह को ही मानते हैं और उसी के आगे झुकते हैं। इसमें (वंदेमातरम में) कुछ धरती को लेकर झुकना है, ऐसा मतलब है, इसलिए हम धरती के आगे नहीं झुक सकते। हिंदुस्तान कहते हैं जिंदाबाद है और जय हिंद भी कहते हैं, सारे जहां से अच्छा हिंदोस्तां हमारा, पाकिस्तान की छाती पर चढ़कर बोलेंगे कि पाकिस्तान मुर्दाबाद, हजार दफे कहेंगे पाकिस्तान मुर्दाबाद।”

कासगंज में मुस्लिम समुदाय ने कही 'बड़ी बात' News Tak​

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Posted by News Tak on Friday, February 2, 2018

वीडियो में मुस्लिम समुदाय के कुछ बुजुर्ग लोग भी अपनी राय देते हुए दिखते हैं। दो समुदायों के बीच घुली कड़वाहट के सवाल पर वे कहते हैं कि आपस में हम (मुस्लिम) और वे (हिंदू) चाहे तो कड़वाहट खत्म हो सकती है। एक और बुजुर्ग ने कहा कि उन्हें पूरी उम्मीद है कि कासगंज फिर से पटरी पर लौटेगा। सरकार भी कोशिश कर रही है। एक और बुजुर्ग कहते हैं कि उनका पाकिस्तान से कोई वास्ता नहीं है, वह यहीं पैदा हुए, यहीं प्रगति हुई, आजाद हुए, अंग्रेजों को भगाया, सारी मुसीबतें उठाईं, हिंदू-मुसलमान आजादी के लिए सभी मरे।

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