गुजरात बोर्ड परीक्षा: अंग्रेजी में अच्छा प्रदर्शन करने वाले छात्र खुद का नाम तक सही नहीं लिख पाए
मीडीया रिपोर्ट के अनुसार गुजरात बोर्ड की 10वीं कक्षा में अंग्रेजी विषय में अच्छे नंबर लाने वाले बहुत से छात्र जो फ्रेंड, टेनिस, क्लेवर, फॉन्डली जैसे शब्द सही नहीं लिख सकते। इतना ही नहीं वे खुद का नाम तक सही नहीं लिख सकते। दरअसल, 10वीं और 12वीं की परीक्षा का परिणाम घोषित किए जाने के पहले से ही गुजरात बोर्ड चर्चा में बना हुआ है। गुजरात सेकंडरी एंड हायर सेकंडरी एजुकेशन बोर्ड (जीएसएचएसईबी) ने पेपर की जांच करते वक्त सामूहिक चीटिंग का बेहद ही अनोखा मामला पकड़ा था। यहां बहुत से बच्चों की संस्कृत, हिंदी और अंग्रेजी की कॉपियों में लिखे गए जवाबों में काफी समानताएं पाई गई थीं। बोर्ड ने सामूहिक चीटिंग के करीब 230 मामलों की पहचान की थी। इनमें से 96 केस तो पंचमहल जिले के शेहरा तालुका के कवाली सेंटर में हुए 10वीं के अंग्रेजी की परीक्षा के थे।
इन 96 स्टूडेंट्स ने अंग्रेजी की परीक्षा में आए एक सवाल में एक जैसा ही जवाब लिखा था। पेपर में बच्चों से ‘माई बेस्ट फ्रेंड’ पर निबंध लिखने को कहा गया था। इन सभी 96 बच्चों ने इसके जवाब में एक जैसा ही निबंध लिखा और सभी ने अपने बेस्ट फ्रेंड का नाम विक्रम लिखा था। इन 96 बच्चों की सुनवाई तो बोर्ड ने मामला सामने आने के तुरंत बाद ही कर ली थी, लेकिन हाल ही में बचे हुए 130 बच्चों की सुनवाई हुई। इन सभी स्टूडेंट्स ने हिंदी और संस्कृत की परीक्षाओं में एक जैसी गलतियां की थीं और इनके जवाबों में भी समानताएं देखने को मिली थीं।
परिणामों का ऐलान किए जाने के बाद इन छात्राओं को तलब किया गया। गुजरात बोर्ड के वरिष्ठ अधिकारी का कहना है, ‘राज्य के शिक्षा विभाग के सामने यह बहुत बड़ी चिंता का विषय है। नकल के इस तरह के मामले भाषा के विषयों में देखने को मिले हैं, जिन्हें सामान्य तौर पर विज्ञान और गणित की तुलना में आसान माना जाता है। इस मामले पर आगे कड़ी जांच की जाएगी। नकल करने वाले छात्रों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करते हुए उन्हें अगले दो-तीन सालों के लिए परीक्षा देने से रोक दिया गया है। इसके साथ ही बोर्ड शिक्षकों के ऊपर भी कड़ी कार्रवाई करने की तैयारी कर रहा है। गुजरात बोर्ड के चेयरमैन एजे शाह का कहना है, ‘नकल के मामलों में शामिल सभी लोगों के खिलाफ इस साल कड़ा एक्शन लिया जाएगा। नकल करने में बच्चों की मदद करने वाले शिक्षकों से लेकर सेंटर के सुपरवाइजर तक के खिलाफ एक्शन लिया जाएगा।”