जेईई एडवांस्ड के आधार पर ही स्नातक में होंगे दाखिले
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों (आइआइटी) में संयुक्त प्रवेश परीक्षा (जेईई) एडवांस्ड के आधार पर ही स्नातक पाठ्यक्रमों में दाखिले होंगे। आइआइटी काउंसिल की सोमवार को हुई 52वीं बैठक में यह निर्णय किया गया। इस संबंध में मानव संसाधन विकास (एचआरडी) मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि आइआइटी की दाखिला प्रक्रिया में किसी भी बदलाव को लेकर बैठक में कोई चर्चा नहीं हुई। इसके अलावा बैठक में आइआइटी के स्नातक पाठ्यक्रमों की फीस में किसी भी तरह का बदलाव नहीं करने का निर्णय किया गया। वहीं, विदेशी छात्रों की फीस तय करने का अधिकार हर आइआइटी के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स को दिया गया है।
जावड़ेकर ने बताया कि आइआइटी काउंसिल की बैठक में कई फैसले हुए। बैठक में सबसे बड़ा फैसला आइआइटी में दाखिले के लिए बच्चों की कोचिंग पर निर्भरता को खत्म करने के लिए किया गया। इसके लिए आइआइटी-प्रोफेसर असिस्टेड लर्निंग (पीएएल) के तहत अब तक तैयार हुए गणित, जीव-विज्ञान, रसायन विज्ञान और भौतिक विज्ञान के कुल मिलाकर 600 से अधिक व्याख्यानों को ‘स्वयं’ प्लेटफॉर्म पर लाया जाएगा। इन व्याख्यानों के साथ बच्चों को असाइनमेंट दिए जाएंगे और उन्हें जो समस्याएं आएंगी उनका भी निदान किया जाएगा। विद्यार्थियों को इसके साथ अभ्यास भी कराया जाएगा। यह सबकुछ उन्हें मुफ्त उपलब्ध कराया जाएगा।
हर आइआइटी पांच इंजीनियरिंग संस्थानों का बनेगा सलाहकार
मंत्री ने बताया कि काउंसिल की बैठक में निर्णय लिया गया है कि हर आइआइटी अपने आसपास के पांच इंजीनियरिंग संस्थानों का मेंटर (परामर्शदाता) बनेगा। उन्होंने कहा कि इन्हीं संस्थानों से पास होकर एमटेक के विद्यार्थी आइआइटी पहुंचेंगे। इन संस्थानों के शिक्षकों का आइआइटी के शिक्षकों के साथ भी संपर्क बनाया जाएगा। इसके अलावा कुछ विद्यालयों के शिक्षकों के प्रशिक्षण पर भी आइआइटी ध्यान देगा। इससे इन विद्यालयों में पढ़ने वाले 11वीं और 12वीं के विद्यार्थियों को आइआइटी में दाखिले के प्रति स्पष्टता आएगी।
टेक-फेस्ट का होगा आयोजन
हर आइआइटी साल में एक बार तकनीकी महोत्सव (टेक-फेस्ट) का आयोजन करेगा। इसके तहत आइआइटी में एक साल के दौरान हुए तकनीकी विकास और नवोन्मेष का प्रदर्शन किया जाएगा। इसमें निजी और सार्वजनिक संगठनों के सीईओ भी भाग लेंगे। इसके अलावा आइआइटी में एमटेक की खाली रहने वाली सीटों पर भी सार्वजनिक उपक्रमों के अध्यक्ष सह प्रबंधक निदेशकों के साथ हुई बैठक में चर्चा हुई। यह बैठक एचआरडी मंत्री की अध्यक्षता में हुई। हर साल बड़ी संख्या में छात्र आइआइटी के एमटेक पाठ्यक्रम में दाखिला लेने के बाद सार्वजनिक उपक्रमों में नौकरी का अवसर मिलने पर दाखिला रद्द करा देते हैं, जिससे वह सीट खाली रह जाती है।