अस्थि विसर्जन कार्यक्रम में भी राजनीति करने से बाज नहीं आए भाजपा नेता

रविवार को हरिद्वार में पूर्व प्रधानमंत्री वाजपेयी जी के अस्थि विसर्जन को लेकर भी भाजपा नेता राजनीति करने से बाज नहीं आए। अटल जी की अस्थियों के विसर्जन कार्यक्रम में भाजपा की उत्तराखंड सरकार के दो मंत्रियों मदन कौशिक और सतपाल महाराज समर्थकों की गुटबाजी खुलकर सामने आ गईा। भाजपा नेताओें की राजनीति के कारण शांतिकुंज के डॉ. प्रणव पंड्या ने अटल जी के अस्थि विसर्जन कार्यक्रम से दूरी बनाए रखी। अटल जी के अस्थि कलश को श्रद्धांजलि के लिए पहले पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज के हरिद्वार स्थित प्रेमनगर आश्रम में रखा जाना था। वहीं से अस्थि कलश यात्रा शुरू होकर हर की पैड़ी जानी थी। लेकिन हरिद्वार के विधायक और केबिनेट मंत्री मदन कौशिक ने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत पर दबाव डालकर प्रेमनगर आश्रम में श्रद्धांजलि कार्यक्रम रद्द करवा दिया और डॉ. प्रणव पंड्या के गायत्री तीर्थ शांतिकुंज में रखवा दिया। असल में सतपाल महाराज और कौशिक के बीच छत्तीस का आंकड़ा है।

इस पर सतपाल महाराज, हरिद्वार के सांसद रमेश पोखरियाल निशंक और गंगा सभा के पूर्व अध्यक्ष अशोक त्रिपाठी व हरिद्वार जिले के भाजपा विधायकों ने नाराजगी जताई। भाजपा के दिग्गज नेता और अटल जी के नजदीकी रहे अशोक त्रिपाठी ने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत और मदन कौशिक के सामने शांतिकुंज में वाजपेयी जी का अस्थि कलश ले जाने और वहां से अस्थि कलश यात्रा शुरू करने का विरोध किया। जब मुख्यमंत्री रावत और कौशिक ने त्रिपाठी की बात नहीं सुनी तो त्रिपाठी ने सीधे अटल जी के निजी सचिव रहे शिवकुमार शर्मा को सारी स्थिति से अवगत कराया। शिवकुमार शर्मा और त्रिपाठी के दखल के बाद शांतिकुंज के बजाय अटल जी की अस्थि कलश यात्रा भल्ला इंटर कॉलेज से निकाले जाने का फैसला किया गया और प्रशासन ने रातोंरात भल्ला कॉलेज में सारे इंतजाम किए।

त्रिपाठी का कहना था कि अटल जी की यादें भल्ला कॉलेज से जुड़ी रही हैं। उनकी 80 व 90 के दशक में उन्होंने भाजपा का मंडल अध्यक्ष रहते दो जनसभाएं भल्ला इंटर कॉलज के मैदान में करवाई थीं। इसलिए भल्ला कॉलेज के मैदान से उनकी अस्थि कलश यात्रा निकालना ही ठीक था। त्रिपाठी ने वाजपेयी जी की अस्थि कलश यात्रा को लेकर भाजपा के कुछ नेताओं द्वारा की गई राजनीति की कड़ी निंदा भी की। वाजपेयी जी के अस्थि विसर्जन स्थल हर की पैड़ी पर भी अव्यवस्था बनी रही। इसे देखकर भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह खफा दिखाई दिए। अस्थि विसर्जन स्थल पर इतनी आपाधापी मची थी कि संतों के लिए लगाई गई कुर्सियों पर भाजपा कार्यकर्ताओं ने कब्जा जमा लिया था। गंगा सभा के पदाधिकारियों ने उन्हें कुर्सियों से उठाया और संतों को बैठाया। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह अव्यवस्था को देखकर इतने नाराज दिखाई दिए कि उन्होंने अस्थि कलश को फटाफट अस्थि विसर्जन घाट पर ले जाने को कहा। तब जाकर अस्थि विजर्सन का कार्यक्रम संपन्न हुआ।

अटल जी के अस्थि विसर्जन के बाद रविवार देर शाम पार्टी आलाकमान के सख्त रवैए के बाद भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्याम जाजू और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष अजय भट्ट ने केबिनेट मंत्री मदन कौशिक को सतपाल महाराज के प्रेमनगर आश्रम में तलब किया। सूत्रों के मुताबिक अस्थि कलश समारोह स्थल हर की पैड़ी में फैली अव्यवस्था और अस्थि कलश के नाम पर की जा रही ओछी राजनीति को लेकर कौशिक को जमकर लताड़ लगाई गई। भाजपा नेताओं की राजनीति से खफा शांतिकुंज के संचालक डॉ. प्रणव पंड्या ने अस्थि कलश कार्यक्रम से अपने को दूर ही रखा। उन्होंने अपने आश्रम में ही वाजपेयी जी की याद में श्रद्धांजलि कार्यक्रम रखा।

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