बीजेपी से फिर अलग होंगे नीतीश कुमार? लालू यादव से की फोन पर बात, चढ़ा राजनीतिक पारा

बिहार के मुख्यमंत्री और जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) के अध्यक्ष नीतीश कुमार ने महागठबंधन सरकार से नाता तोड़ने के बाद आज पहली बार राजद अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव को फोन किया है। एबीपी न्यूज के मुताबिक नीतीश ने फोन पर बीमार लालू यादव का हालचाल जाना। हालांकि, दोनों नेता पिछले महीने लालू यादव के बड़े बेटे और पूर्व मंत्री तेजप्रताप यादव की शादी के मौके पर मिल चुके हैं। बदले राजनीतिक माहौल में जब जेडीयू का बीजेपी से सीट बंटवारे पर विवाद चल रहा है, तब नीतीश का लालू यादव को फोन करना सियासत की नई कहानी की ओर इशारा कर रहा है। बता दें कि नीतीश कुमार ने एक दिन पहले ही आपातकाल की बरसी पर बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा था कि कुछ लोग समाज में टकराव और तनाव की राजनीति कर रहे हैं और धर्म के नाम पर वोटरों को डरा रहे हैं।

लोकसभा चुनाव में सीट बंटवारे को लेकर जेडीयू और बीजेपी में दिनोंदिन दरार चौड़ी होती गई है। दोनों पार्टियों के नेता एक-दूसरे के खिलाफ बयान दे रहे हैं। जेडीयू जहां राज्य की 40 लोकसभा सीटों में से 25 पर दावा कर रही है और नीतीश की अगुवाई में चुनाव लड़ने की बात कर रही है, वहीं बीजेपी इससे इनकार कर रही है। एनडीए के भीतरखाने भी जेडीयू की मांग पर रार है। रामविलास पासवान की लोजपा और उपेंद्र कुशवाहा की रालोसपा जेडीयू की मांग से नाराज है। रालोसपा के नेता ने तो यहां तक कह दिया था कि वो नीतीश की अगुवाई स्वीकार नहीं करेंगे। इधर बीजेपी ने भी कह दिया कि अगर नीतीश अलग होना चाहते हैं तो सभी 40 सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़े कर लें।

दरअसल, नीतीश पहले एनडीए में ही शामिल थे। वो अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में कई मंत्रालय संभाल चुके हैं। साल 2013 में नरेंद्र मोदी को लोकसभा चुनाव प्रचार समिति का अध्यक्ष बनाने पर उन्होंने एनडीए से नाता तोड़ लिया था और अकेला 2014 का लोकसभा चुनाव लड़ा था। बाद में साल 2015 में उन्होंने बिहार विधान सभा चुनाव से पहले लालू यादव से हाथ मिला लिया। चुनावों में जीत के बाद करीब 20 महीने बाद नीतीश ने फिर गठबंधन तोड़ लिया और दोबारा बीजेपी के साथ मिलकर पिछले साल जुलाई 2017 में एनडीए की सरकार बना ली। अब एक बार फिर जेडीयू और बीजेपी की दोस्ती टूटने की कगार पर है। नीतीश इसके संकेत कई मौकों पर भी दे चुके हैं। लिहाजा, राज्य में सबसे बड़ी पार्टी राजद के अध्यक्ष लालू यादव से नीतीश कुमार द्वारा फोन पर बात करने से सूबे का सियासी पारा चढ़ गया है। इस बात की चर्चा होनी शुरू हो गई है कि क्या 2019 चुनाव से पहले फिर नीतीश पलटी मारकर लालू के साथ आ जाएंगे? और साथ आए तो राज्य का मुख्यमंत्री कोन होगा- नीतीश कुमार या तेजस्वी यादव?

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