महिला MLC ने छोड़ी सपा, बोलीं- नेता जी के अध्यक्ष पद से हटने के बाद मन नहीं लगता

नेताजी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से हटने के बाद मेरा मन पार्टी में नहीं लगता है। पार्टी कमजोर हो रही है। नेताजी के कारण दो बार विधान परिषद सदस्य बनी। समाजवादी पार्टी में सियासी विचार कमजोर हुआ है।
लखनऊ : समाजवादी पार्टी (सपा) को एक और झटका लगा जब यशवंत सिंह और बुक्कल नवाब के बाद पार्टी की एक और बडी नेता सरोजनी अग्रवाल ने आज विधानसभा परिषद की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल होने का ऐलान किया है। डा अग्रवाल ने भाजपा सरकार में कबीना मंत्री डॉ. रीता बहुगुणा जोशी और राज्य मंत्री महेंद्र सिंह की मौजूदगी में भारतीय जनता पार्टी में भी शामिल होने की घोषणा की। इससे पहले विधान परिषद के सभापति रमेश यादव ने बताया कि डा अग्रवाल ने उन्हें अपना इस्तीफा सौंप दिया है।
नेताजी के बगैर पार्टी सूनी
मशहूर स्त्री रोग विशेषज्ञ और सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव की करीबी मानी जाने वाली डा अग्रवाल ने पत्रकारों से कहा ” नेताजी (मुलायम सिंह यादव) के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से हटने के बाद मेरा मन पार्टी में नहीं लगता है। पार्टी कमजोर हो रही है। नेताजी के कारण दो बार विधान परिषद सदस्य बनी। समाजवादी पार्टी में सियासी विचार कमजोर हुआ है।” उन्होने कहा, जिस तरह से सपा में नेताजी को दरकिनार किया जा रहा है, उससे मैं आहत हूं। अब जब नेताजी ही पार्टी में नहीं हैं तो मेरे रहने का भी कोई औचित्य नहीं है।
दलों के नेताओं का झुकाव बीजेपी की तरफ 
उन्होंने कहा नेताजी के कारण दो बार विधान परिषद की मेंबर रही हूं। उन्होंने कहा कि मेरा 30 जनवरी 2021 तक का कार्यकाल है, लेकिन मैं उस पद से भी इस्तीफा दे रही हूं। इसके पहले गत 29 जुलाई को सपा से विधान परिषद के सदस्य और मुलायम सिंह यादव के करीबी यशवंत सिंह और बुक्कल नवाब सपा से इस्तीफा देकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हो गये थे। इनके अलावा बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के वरिष्ठ नेता एवं विधान परिषद के सदस्य ठाकुर जयवीर सिंह भी बसपा से इस्तीफा देने के बाद भाजपा में शामिल हो गये।

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