शरद यादव के समर्थन में आए केजरीवाल

दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने जद (एकी) (शरद गुट) के अध्यक्ष शरद यादव को राज्यसभा की सदस्यता से अयोग्य घोषित करने के फैसले को असंवैधानिक बताया है। उन्होंने इस कार्रवाई को राजनीतिक बदले की भावना से की गई कार्रवाई करार देते हुए यादव की सदस्यता बहाल करने की मांग की है। उनके ताजा तेवरों को नए राजनीतिक समीकरणों का संकेत करार दिया जा रहा है।

राज्यसभा के सभापति एम वैंकेया नायडू ने सोमवार को जद एकी के सांसद शरद यादव और अली अनवर को पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप में सदन की सदस्यता से अयोग्य करार दिया। नायडू ने राज्यसभा में जद एकी संसदीय दल के नेता आरसीपी सिंह की अर्जी पर यह फैसला किया है। दिलचस्प यह है कि राज्यसभा के सभापति के पास भले ही आरसीपी सिंह ने अर्जी लगाई हो, लेकिन जाहिर तौर पर यादव व अनवर की सदस्यता को लेकर फैसला बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने ही किया है।

सियासी गलियारों में नीतीश और केजरीवाल की दोस्ती मशहूर रही है। इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर सियासत की दुनिया में कदम रखने वाले दोनों नेताओं के बीच खूब छनती रही है लेकिन समझा जा रहा है कि नीतीश के भाजपा के पाले में जाने के बाद केजरीवाल उनके विरोध में खड़े हो गए हैं। केजरीवाल ने बुधवार को ट्वीट कर कहा कि शरद यादव को अयोग्य घोषित करना गैरकानूनी और असंवैधानिक है। यह राजनीतिक बदला है। हम इसकी कड़ी निंदा करते हैं और मांग करते हैं कि उन्हें अयोग्य घोषित करने का फैसला वापस लिया जाए। यह पहला मौका है जब केजरीवाल ने खुल कर शरद यादव का समर्थन किया है।

 

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