सता के दो केंद्रों के बीच उलझी अविश्वास की गुत्थी

सिद्धार्थनगर। सत्ता परिवर्तन के बाद ब्लॉक प्रमुख पद के लिए मची खींचतान के बीच भनवापुर ब्लॉक की गुत्थी सुलझने का नाम नहीं ले रही है। यहां सत्ताधारी दल के दो नेताओं के बीच जारी रस्साकशी के चलते अविश्वास प्रस्ताव लाने की तारीख लंबी होती जा रही है। दो विधान सभाओं में बंटे भनवापुर ब्लॉक में किसी एक के नाम पर मुहर लगाना यहां के विधायकों के लिए भी मुसीबत का सबब बना हुआ है। सत्ता परिवर्तन के बाद ब्लॉक प्रमुख को खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की हवा सबसे पहले भनवापुर ब्लॉक में ही चली। इस बीच नौगढ़, मिठवल, बढ़नी, उसका बाजार, लोटन बाजार व डुमरियागंज ब्लॉकों में प्रमुख के विरोध में अविश्वास प्रस्ताव आ भी गया। जबकि भनवापुर में अविश्वास लाने को लेकर सत्ताधारी दल के दो गुटों के बीच शुरुआती दिनों से चल रही खींचतान समाप्त होने का नाम नहीं ले रही। जिसके चलते अभी तक अविश्वास प्रस्ताव पेश नहीं हो सका और बीडीसी सदस्य सत्ता के दो खेमों के बीच पिस रहे हैं। पूर्व विधायक और भाजपा के एक बड़े नेता की घर वापसी चुनाव के कुछ दिन पूर्व हुई। उससे पहले वह भाजपा छोड़कर सपा में चले गए थे। पिछले ब्लॉक प्रमुख चुनाव में उनकी पत्नी को ब्लॉक प्रमुख पद का प्रबल दावेदार माना जा रहा था। लेकिन सपा जिलाध्यक्ष के आगे उनकी नहीं चली और वह अपनी पत्नी को कुर्सी पर बैठाने से चूक गए। घरवापसी के बाद सत्ता मिली तो एक बार फिर उन्हें कुर्सी मिलने की आस जगी। इस बीच विधान सभा चुनाव में डुमरियागंज क्षेत्र में कड़ी मेहनत करने वाले एक कार्यकर्ता ने भी ब्लॉक प्रमुख पद को लेकर तैयारी शुरू कर दी। बताया जा रहा है कि इसके लिए ब्लॉक के एक वीडीसी सदस्य ने बाकयदा अपने पद से इस्तीफा दिया। जिसके बाद रिक्त हुई सीट पर उक्त नेता की पत्नी, उपचुनाव में निविर्रोध निर्वाचित भी हुईं। इन सारे घटनाक्रमों के बाद दोनों गुटों के बीच खींचतान घटने के बजाय और भी बढने लगी। बताया जा रहा है कि सत्ताधारी दल के दोनों गुटों के नेता वीडीसी सदस्यों से अविश्वास के लिए शपथ पत्र बनवा रहे हैं। इसके लिए दिन रात क्षेत्र में चल रहे हैं। ऐसी दशा में सबसे खराब स्थित वीडीसी सदस्यों की है। उनके लिए यह निर्णय लेना बेहद मुश्किल हो रहा है कि वे सत्ताधारी दल के किस नेता के साथ जाएं।

खुलकर बोलने से कतरा रहे विधायक
सिद्धार्थनगर। भनवापुर विकास खंड, डुमरियागंज व इटवा दो विधानसभाओं में बटा हुआ है। ब्लॉक प्रमुख पद के लिए पार्टी के दो नेताओं के बीच मची खींचतान ने इन विधानसभा क्षेत्र के विधायकों की परेशानी बढ़ा दी है। बताया जा रहा कि दोनों विधायक सार्वजनिक तौर पर यह कहने से बच रहे हैं कि वह किसके साथ है। अपने राजनीतिक नफा नुकसान की गणित में वे किसी को नाराज नहीं करना चाहते। जिसका नतीजा है कि क्षेत्र में असमंजस की स्थिति बनी है और कुर्सी को लेकर सत्ता के दो केंद्रों के बीच संघर्ष पूरे चरम है।

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