हिमाचल प्रदेश की कमान जयराम ठाकुर को

तमाम अटकलों पर विराम लगाते हुए भाजपा ने मंडी के सिराज विधानसभा क्षेत्र से लगातार पांचवीं बार जीत कर आए 52 साल के ठाकुर नेता जयराम ठाकुर को प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की कमान सौंप दी। राजधानी शिमला के नामी होटल पीटरहॉफ में बुलाई गई विधायक दल व प्रदेश भाजपा कोर ग्रुप की बैठक में उनके नाम पर मोहर लगा दी गई। वे 27 दिसंबर को शपथ लेंगे। मंडी लोकसभा हलके से पहली बार कोई विधायक मुख्यमंत्री बना है। भाजपा के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार प्रेम कुमार धूमल की विधानसभा चुनाव में हार के बाद जयराम मुख्यमंत्री पद पर की दौड़ में शामिल हुए। धूमल शनिवार रात तक दावेदारों की रेस में मजबूती से डटे थे लेकिन बाद में उन्होंने अपने कदम पीछे खींच लिए। पार्टी विधायकों के एक धड़े ने पूर्व मुख्यमंत्री धूमल का समर्थन किया था। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा भी मुख्यमंत्री पद की दौड़ में आगे चल रहे थे। लेकिन मृदुभाषी माने जाने वाले जयराम के पक्ष में जो चीज गई वह यह कि उन्हें एक ऐसे नेता के तौर पर देखा गया जिसने राज्य में पार्टी के अलग-अलग गुटों के बीच संतुलन स्थापित करने में सफलता पाई है।

चुनावों से पहले पार्टी के मुख्यमंत्री पद के घोषित चेहरे व पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल ने जयराम ठाकुर के नाम का प्रस्ताव रखा व केंद्रीय मंत्री जगत प्रकाश नड्डा व भाजपा के वरिष्ठ नेता व सांसद शांता कुमार ने उनके नाम का समर्थन किया। इसके तुरंत बाद भाजपा के प्रदेश प्रभारी मंगल पांडे ने एलान किया कि जयराम ठाकुर हिमाचल के अगले मुख्यमंत्री होंगे। बैठक में भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर, रामस्वरूप शर्मा के अलावा वीरेंद्र कश्यप भी मौजूद थे। अनुराग ठाकुर और मंत्री जगत प्रकाश नड्डा चुनाव नतीजे आने के बाद पहली बार राजधानी पहुंचे थे।केंद्रीय पर्यवेक्षक निर्मल सीतारमण, नरेंद्र तोमर और प्रदेश प्रभारी मंगल पांडे शनिवार को राजधानी पहुंचे और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह और संसदीय बोर्ड की ओर से लिए गए फैसले को कोर ग्रुप की बैठक में रखा। जहां पर पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल ने मुख्यमंत्री पद के लिए जयराम ठाकुर के नाम का प्रस्ताव पेश कर दिया। जयराम ठाकुर के नाम के एलान के बाद केंद्रीय पर्यवेक्षकों, प्रदेश प्रभारी के अलावा सभी सांसद, पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सतपाल सत्ती समेत कोर ग्रुप के सदस्य राजभवन पहुंचे और सरकार बनाने दावा पेश किया।

राजभवन के बाहर मीडिया से रूबरू हुए जयराम ठाकुर ने कहा कि अपने मंत्रिमंडलीय सहयोगियों के साथ वे 27 दिसंबर को शिमला के ऐतिहासिक रिज मैदान पर शपथ लेंगे व इस समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शिरकत करेंगे। उन्होंने कहा कि आजादी से लेकर अब तक जितने भी मुख्यमंत्री बने वह वह सब शिमला, कांगड़ा और हमीरपुर लोकसभा हलके से थे। यह पहली बार है कि मंडी लोकसभा हलके से कोई मुख्यमंत्री बना है। जयराम ठाकुर ने पहले ही दिन साफ कर दिया कि उनकी सरकार भ्रष्टाचार व गलत कार्यों की इजाजत नहीं देगी। मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामलों को लेकर उन्होंने कहा कि उनके मामले केंद्रीय जांच एजंसियों के अधीन हैं व पहले ही न्यायालयों में चल रहे हैं, ऐसे में उनमें ज्यादा कुछ करने के लिए नहीं हैं। मंडी से जीत कर आए पूर्व केंद्रीय मंत्री सुखराम के बेटे अनिल शर्मा के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों पर उन्होंने कहा कि वे भाजपा में आए हैं व जीत भी गए हैं। उनके मामले को नए सिरे से देखा जाएगा।

याद रहे कि अनिल शर्मा के पिछली वीरभद्र सरकार में पंचायत व ग्रामीण विकास मंत्री रहने के दौरान भाजपा ने पिछली सरकार के के कामकाज को लेकर राज्यपाल को सौंपी गए ज्ञापन में शर्मा के खिलाफ कई आरोप लगाए थे। अनिल शर्मा चुनावों के दौरान भाजपा में आ गए थे व मंडी सीट से वीरभद्र सरकार में मंत्री कौल सिंह ठाकुर की पुत्री चंपा ठाकुर को हराकर जीते। शर्मा के मंत्री बनने की संभावना भी जताई जा रही है।
जयराम ठाकुर पहली बार 1998 में विधानसभा पहुंचे थे और तब से वे लगातार जीतते रहे हैं। वे पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष रहने के अलावा धूमल सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं। उन्हें राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) का करीबी समझा जाता है।

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