जेएनयू में होगी ग्रामीण प्रबंधन की पढ़ाई

जेएनयू में जल्द ही ग्रामीण प्रबंधन की पढ़ाई शुरू होगी। इसके लिए विश्वविद्यालय राष्ट्रीय ग्रामीण संस्थान परिषद (एनसीआरआइ) के साथ एक समझौता करने जा रहा है। ग्रामीण प्रबंधन की पढ़ाई जेएनयू में शुरू होने वाले स्कूल आॅफ मैनेजमेंट एंड आंत्रप्रन्यॉरशिप के तहत कराई जाएगी। जेएनयू के रेक्टर (उप-कुलपति) प्रोफेसर राना प्रताप सिंह ने बताया कि स्कूल आॅफ मैनेजमेंट एंड आंत्रप्रन्यॉरशिप के पाठ्यक्रमों के तहत ग्रामीण संबद्धता और ग्रामीण प्रबंधन के पेपर पढ़ाए जाएंगे। फिलहाल इनका पाठ्यक्रम तैयार किया जा रहा है, जिसमें एनसीआरआइ सहायता कर रहा है। प्रोफेसर सिंह ने बताया कि इसके लिए एनसीआरआइ और जेएनयू के बीच एक करार होने वाला है। इसका मसौदा तैयार कर लिया गया है।

उनके मुताबिक, इसके लिए एक बैठक हो चुकी है और अगले कुछ दिनों में जेएनयू में एक कार्यशाला का आयोजन किया जाएगा जिसमें इस समझौते पर दोनों संस्थानों की ओर से हस्ताक्षर किए जाएंगे। उप-कुलपति ने बताया कि एनसीआरआइ की एक सोच यह है कि राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) के तहत समाज कार्य में लगे विद्यार्थियों को भी ग्रामीण विकास के कार्य में लगाया जा सकता है। उन्होंने बताया कि वर्तमान में जेएनयू के बहुत से विद्यार्थी दिल्ली की झुग्गियों में शिक्षा, स्वास्थ्य आदि के कार्य में लगे हुए हैं। उनके मुताबिक, पाठ्यक्रम में इस तरह का प्रावधान करने के बारे में सोचा जा रहा है कि विद्यार्थियों को देश के अलग-अलग हिस्सों में स्थित गांवों में एक-दो महीने के लिए भेजा जाए ताकि विद्यार्थी वहां की वास्तविक समस्याओं को समझ और उनका हल खोजने की कोशिश कर सकें। ग्रामीण प्रबंधन की पढ़ाई के विस्तार के लिए एनसीआरआइ देश के शिक्षण संस्थानों से लगातार संपर्क कर रहा है। कुछ समय पहले एनसीआरआइ के चेयरमैन डॉ डब्लूजी प्रसन्ना कुमार जेएनयू आए थे और ग्रामीण प्रबंधन की पढ़ाई के बारे में उनकी जेएनयू के प्रोफेसर एम जगदीश कुमार व उप-कुलपति प्रोफेसर सिंह से लंबी बातचीत हुई थी।

 

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