मेरठ: चौधरी चरण सिंह यूनिवर्सिटी में लड़कियों के चेहरा ढकने पर रोक
उत्तर प्रदेश के एक यूनिवर्सिटी ने नया फरमान जारी किया है। विश्वविद्यालय परिसर में अवांछित तत्वों के प्रवेश को रोकने के लिए मेरठ स्थित चौधरी चरण सिंह विवि प्रशासन ने महिलाओं द्वारा दुपट्टे का इस्तेमाल करने पर रोक लगा दी है। साथ ही चेहरा ढकने को भी प्रतिबंधित कर दिया गया है। यह पहला मौका है जब किसी विश्वविद्यालय ने इस तरह का कोई फैसला किया है। यूनिवसिर्टी प्रशासन के इस फैसले की कड़ी आलोचना शुरू हो गई है। एएनआई के अनुसार, विश्वविद्यालय का मानना है कि अज्ञात लोगों के कैंपस में आने से कॉलेज का माहौल लगातार खराब हो रहा था, ऐसे में यह कदम (महिलाओं-छात्राओं द्वारा चेहरा ढकने पर रोक) बेहद महत्वपूर्ण है। अधिकारियों ने दावा किया है कि विवि-कॉलेज परिसर में अक्सर अज्ञात लोग घुस आते हैं और पूछे जाने पर पहचानपत्र भी नहीं दिखा पाते हैं। उन्होंने बताया कि चेहरा ढक कर आने वाली महिलाओं के बारे में यह पता लगाना बेहद मुश्किल हो जाता है कि वे छात्रा हैं या फिर बाहरी, जिसके कारण यह कदम उठाना पड़ृा है।
चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय की चीफ प्रॉक्टर अलका चौधरी ने इस कदम की पुष्टि की है। उन्होंने कहा, ‘कैंपस में बड़ी तादाद में बाहरी लड़कियों की मौजूदगी रहती है। अभी तक नए सत्र में क्लास भी शुरू नहीं हुए हैं, लेकिन कैंपस में बड़ी तादाद में अज्ञात छात्रों को घूमते हुए देखा जा सकता है। फिलहाल तो ऐसे लोगों को चेतावनी देकर छोड़ दिया जा रहा है, लेकिन यदि इस तरह की घटनाएं बढ़ीं तो पुलिस को इसकी सूचना दी जाएगी।’ चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय के अंतर्गत आने वाले एक कॉलेज के प्रिंसिपल ने यूनिवर्सिटी प्रशासन के फैसले को सही ठहराया है। उन्होंने कहा, ‘यह कदम अज्ञात और अपरिचित लोगों को कैंपस में आने से रोकने के लिए उठाया गया है। ऐसे लोग लगातार कॉलेज के माहौल को बिगाड़ रहे हैं।’ विश्वविद्यालय प्रशासन के इस फैसले की आलोचना भी शुरू हो गई है। कुछ लोगों ने इस निर्णय को एकतरफा और बेहद सख्त बताया है। वहीं, कुछ छात्रों ने विवि-कॉलेज प्रशासन के इस फैसले का स्वागत भी किया है। कदम का समर्थन करने वाले छात्रों का कहना है कि कॉलेज और यूनिवर्सिटी के माहौल को बेहतर बनाए रखने के लिए इस तरह की कार्रवाई की जरूत थी।