Atal Bihari Vajpayee: नारे को हकीकत बनाने वाली अटल बुनियाद

डेढ़ दशक पहले केंद्र की अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार ने नए सहस्राब्दी के भारत के लिए ढांचागत सेवाओं को लेकर जो नीतियां तय कीं, उनका अच्छा-खासा लाभ मौजूदा केंद्र सरकार को मिल रहा है। ‘इंडिया शाइनिंग’ के नारे के 2004 के चुनाव मैदान में उतरी भारतीय जनता पार्टी उनके नेतृत्व में बेशक दोबारा सत्ता में नहीं आई, लेकिन ढांचागत विकास के उस नारे ने भाजपा को विकास का धारदार मुद्दा पकड़ा दिया। अटल सरकार की ‘स्वर्णिम चतुर्भुज’ और ‘प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना’ मौजूदा भाजपा सरकार में नए रूप में सामने आई।

यह अनायास ही नहीं था कि हाल में दिल्ली मेट्रो की मेजेंटा लाइन का उद्घाटन करने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि दिल्ली मेट्रो के पहले यात्री थे अटल बिहारी वाजपेयी। राजधानी की मेट्रो ट्रेन सेवा की पहली लाइन का उद्घाटन अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार के दौर में हुआ था। अब यही दिल्ली मेट्रो शहरी यातायात की बड़ी उपलब्धि है। ‘स्वर्णिम चतुर्भुज’ योजना अटल बिहारी वाजपेयी का सपना रहा। इस परियोजना के तहत देश के चार बड़े शहरों दिल्ली, मुंबई, कोलकाता और चेन्नई को जोड़ा जाना था। दूसरा विजन प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना का रहा, जिसके तहत देश के गांवों में सड़कों का जाल बिछाया जा रहा है। इस योजना से किसानों को अपने उत्पादों की ढुलाई में मदद मिली। साथ ही, स्वास्थ्य और शिक्षा तक गांवों की आसान पहुंच बन गई।

वाजपेयी सरकार की नई दूरसंचार नीति से जो मोबाइल फोन क्रांति हुई, वह मौजूदा सरकार की तीन अहम योजनाओं-जनधन, आधार और मोबाइल का मजबूत आधार बन गई। वाजपेयी सरकार ने वित्तीय घाटे के गणित का अच्छी तरह प्रबंधन किया, जिसका लाभ उठाते हुए मोदी सरकार अब रक्षा समेत बड़ी और अहम सरकारी परियोजनाओं में निजी कंपनियों की भागीदारी तय कर रही है। पूर्वोत्तर विकास को मौजूदा केंद्र सरकार ने अपना अहम एजंडा घोषित किया है। दरअसल, केंद्र की तत्कालीन अटल बिहारी वाजपेयी सरकार ने पूर्वोत्तर के राज्यों के विकास के लिए अलग मंत्रालय बनाकर इसकी नींव रखी थी।

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