कहानी- इश्तहार
स-मालिक ने पोस्टकार्ड से खबर भेजी थी कि जो पैसे उसे एडवांस में दिए गए थे, वे लग चुके हैं। कागज बीस-बाइस प्रतिशत बढ़े हुए मूल्य पर मिला है। पत्रिका छप कर तैयार है। पिछले अंक की लागत रकम में बीस प्रतिशत ज्यादा पैसे जोड़ कर दो हफ्तों के भीतर आएं और पत्रिका ले जाएं। उसूल के मुताबिक छपी हुई सामग्री दो हफ्ते से ज्यादा समय तक नहीं रखी जाएगी। उसके बाद प्रतियां रद्दी वाले को बेच दी जाएंगी। प्रेस वाले शहर से महज सौ किलोमीटर की दूरी पर स्थित
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