कहानी- इश्तहार

स-मालिक ने पोस्टकार्ड से खबर भेजी थी कि जो पैसे उसे एडवांस में दिए गए थे, वे लग चुके हैं। कागज बीस-बाइस प्रतिशत बढ़े हुए मूल्य पर मिला है। पत्रिका छप कर तैयार है। पिछले अंक की लागत रकम में बीस प्रतिशत ज्यादा पैसे जोड़ कर दो हफ्तों के भीतर आएं और पत्रिका ले जाएं। उसूल के मुताबिक छपी हुई सामग्री दो हफ्ते से ज्यादा समय तक नहीं रखी जाएगी। उसके बाद प्रतियां रद्दी वाले को बेच दी जाएंगी। प्रेस वाले शहर से महज सौ किलोमीटर की दूरी पर स्थित

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मौन का अभिनय

अभिनय की अनेक श्रेणियां हैं। मूकाभिनय यानी माइम उनमें एक है। बिना कुछ बोले अभिनय के जरिए पूरी बात कह देने की कला ही माइम है। मूकाभिनय पूरी दुनिया में एक स्वतंत्र कला के रूप में विकसित है। चार्ली चैप्लिन इसके उत्कृष्ट उदाहरण हैं। पर हमारे यहां, खासकर पश्चिम बंगाल में, इसके प्रख्यात कलाकार हुए हैं। उन्होंने एक तरह से मूकाभिनय को आंदोलन का रूप भी दिया है। दक्षिण में कथकलि जैसी नृत्य विधाएं एक तरह से मूकाभिनय ही तो हैं। मंच पर अभिनीत होने वाले नाटकों की तुलना में

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औपनिवेशिक दंश झेलती जनजातियां

इन जनजातियों को अपराधी घोषित करके ब्रिटिश सरकार ने स्वाधीनता की खातिर होने वाले इनके विद्रोहों की वैधानिकता खत्म कर दी और मुख्यधारा के समाज को इनसे दूर कर दिया। संबंधित कानून के कारण जनजातियों की छोटी रियासतों की वैधता भी जाती रही। साथ ही ब्रिटिश सरकार को कानून-व्यवस्था की अपनी नाकामियों को इन जनजातियों के सिर मढ़ने का मौका भी मिल गया।  वर्ष 1871 में औपनिवेशिक भारत में ब्रिटिश सरकार ने भारत की कुछ खानाबदोश और अर्द्ध खानाबदोश जनजातियों को आपराधिक जनजाति अधिनियम (क्रिमिनल ट्राइबल एक्ट) पारित करके जन्मजात

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अनाथालय में दुष्कर्म

हिमाचल प्रदेश के चंबा जिले में चुराह घाटी के एक अनाथालय में छह बच्चियों के यौन शोषण का जो मामला सामने आया है, वह भरोसे और मानवीयता को शर्मसार करने वाला है। इस बात की कल्पना भी बेहद तकलीफदेह है कि जिन बच्चियों का कोई न हो और इसी वजह से वे किसी यतीमखाने में रह रही हों, वहां के कर्मचारी ही उनका यौन शोषण करने लगें। मामले का खुलासा होने के बाद वहां के लेखाकार, रसोइए और सफाईकर्मी को गिरफ्तार कर लिया गया है। लेकिन इसमें और लोगों के

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गांव की ओर

गांधीजी ने कहा था कि भारत की आत्मा गांवों में निवास करती है, लेकिन आज बदलाव के दौर में यह परिभाषा बदलती जा रही है। गांव के लोग अब शहर की ओर कदम बढ़ा रहे हैं और शहर की संस्कृति गांवों में अपने पैर पसार रही है। गांव तो जिंदा हैं मगर गांव की संस्कृति मर रही है। शहर की चकाचौंध और आकर्षण भरा वातावरण हर किसी को भाता है। अक्सर लोग रोजगार की तलाश या पढ़ाई के लिए शहर की ओर रुख तो करते हैं पर बहुत कम होते

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हिंदी का बाजार

तीन सौ साठ डिग्री का पूरा एक चक्कर लगाकर घड़ी की सुइयां पूरा करती हैं एक दिन। दिनों के योग से बनता है साल और हर साल हम तीन सौ साठ डिग्री का पूरा एक चक्कर लगाकर सितंबर में एक जाने-पहचाने सवाल से जूझने लगते हैं। यह सवाल होता हिंदी को लेकर। आज बाजार ने भाषाओं को लेकर एक ऐसी मानसिकता का मकड़जाल बुना है कि हम खुद-ब-खुद उसमें फंसते चले जा रहे हैं, जिसके कारण भारत में ही लोगों की अपनी भाषा हिंदी के प्रति कोई खास रुचि नहीं

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प्रधानमंत्री अपनी सरकार की नीतियां और योजनाएं बनाने के लिए जनता के साथ राय-मशविरा करें

संवाद का विस्तार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘मन की बात’ रेडियो कार्यक्रम के तीन साल पूरे होने पर 36वें प्रसारण में कहा कि यह उनके मन की बात नहीं है बल्कि भारत की सकारात्मक शक्ति, देश के कोने-कोने से लोगों की भावनाओं, इच्छाओं, शिकायतों को सामने रखने का एक ऐसा मंच है जो प्रेरणा देने के साथ ही सरकार में सुधार का वाहक बन रहा है। वाकई यह ऐसा रेडियो कार्यक्रम है जिसमें प्रधानमंत्री आम जन की रोजमर्रा जिंदगी से जुड़े मुद्दों पर विचार रखते हैं। वे आम लोगों के

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कैसे बचेंगे ग्लेशियर

प्र्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय जर्नल ‘नेचर’ का यह खुलासा चिंतित करने वाला है कि ग्लोबल वार्मिंग की वजह से एशियाई ग्लेशियरों के सिकुड़ने का खतरा बढ़ गया है और अगर इन्हें बचाने की कोशिश नहीं हुई तो सदी के अंत तक एक तिहाई एशियाई ग्लेशियर खत्म हो जाएंगे। शोधकर्ताओं का कहना है कि अगर वैश्विक तापमान वृद्धि को 1.5 डिग्री सेल्शियस से कम नहीं किया गया तो पर्वतों से 36 प्रतिशत बर्फ भी कम हो जाएगी। और अगर तापमान वृद्धि इससे अधिक हुई तो कई गुना बर्फ पिघल जाएगी। वैज्ञानिकों का कहना

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जोखिम का भोजन

देश के अलग-अलग इलाकों में स्थित स्कूलों में विद्यार्थियों को दिए जाने वाले दोपहर के भोजन में कीड़े-मकोड़े पाए जाने या विषाक्त पदार्थ मिला होने की खबरें अक्सर आती रही हैं। कई बार ऐसी खबरें भी आर्इं, जिनमें छिपकली के गिर कर मर जाने से भोजन जहरीला हो गया और उसके चलते काफी बच्चे बीमार हो गए। ऐसे मामलों को दूरदराज में असुविधाओं के बीच व्यवस्थागत कमियों के तौर पर देखा जाता है और कार्रवाई में टालमटोल की जाती है। लेकिन हैरानी की बात है कि ऐसी लापरवाही बरतने के

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कूटनीतिक कामयाबी

भारत ने अमेरिका के साथ द्विपक्षीय वार्ता में दो बड़ी कूटनीतिक कामयाबियां हासिल की हैं। भारत की पहली और बड़ी सफलता यह रही है कि उसने अमेरिका जैसे शक्तिशाली देश को आतंकी ठिकानों को नष्ट करने में सहयोगी बनने पर राजी कर लिया। साथ ही, भारत ने युद्धग्रस्त देश अफगानिस्तान में अमेरिकी फौजों के साथ भारतीय सैनिकों की तैनाती की किसी भी संभावना को पूरी तरह खारिज कर दिया। ये दोनों मसले भारत के लिए बेहद अहम हैं। अमेरिकी रक्षा मंत्री जेम्स मैटिस ट्रंप प्रशासन के पहले बड़े ओहदेदार हैं,

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कोलकाता के पंडालों में सजावट की सुगंध भागलपुर के कलाकार ही डालते हैं

भले ही दुर्गापूजा के मौके पर कोलकाता में बने भव्य पंडालों की चर्चा पूरी दुनिया में हो रही हो, मगर इनमें सुगंध भागलपुर के कलाकार ही डालते हैं। ये कलाकार यहां के कलाकेंद्र से जुड़े हैं। इन कलाकारों ने यहां के प्राचार्य रामलेखन सिंह गुरुजी और वरीय साथी शशिशंकर गुर सीखे हैं। गौरतलब है कि मंजूषा चित्रकला भागलपुर क्या अंग जनपद की लोक चित्रकला नाम से पूरे देश में जानी जाती है। वैसे इस चित्रकला में बिहुला विषहरी की लोक गाथा से जुड़े चित्र को ही पेंटिंग के जरिए उकेरा

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जसवंतनगर- यहां रावण भी है पूजनीय

रामायण का सबसे क्रूर पात्रों में से एक रावण के बारे मे तरह-तरह की कहानियां सुनने को मिलती है लेकिन इटावा जिले में जसवंतनगर में रावण की पूजा-आरती होती है। यहां रावण के पुतले को जलाया भी नहीं जाता। लोग पुतले की लकड़ियों को अपने घर ले जाते हैं ताकि वे सालभर हर संकट से दूर रह सकें। ऐसी रामलीला नहीं होती है कहीं  यहां की रामलीला कुछ अलग ढंग की होती है। इसी कारण साल 2010 में यूनेस्को की रामलीलाओं के बारे जारी की गई रिपोर्ट में भी इस

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महिला आरक्षण का गतिरोध

हाल ही में कांग्रेस अध्यक्ष का विधायिका में महिला आरक्षण के संबंध में प्रधानमंत्री को लिखा गया पत्र इसमुद््दे को पुन: चर्चा में ले आया है। इंटर पार्लियामेंटरी यूनियन (आइपीयू) की रिपोर्ट तो यही बताती है कि भारत की संसद या विधानसभाओं में महिला जनप्रतिनिधियों की काफी कम उपस्थिति महिलाओं के प्रति भेदभावपूर्ण राजनीतिक मानसिकता की देन है। भारतीय परिप्रेक्ष्य में, महिलाओं के राजनैतिक विकास के संबंध में गहन विश्लेषण करने के लिए चार मुख्य बिंदुओं पर विचार करना जरूरी है- राजनीतिक जागरूकता, राजनीति में भागीदारी, राजनीतिक नेतृत्व प्राप्त करना

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मौत का गेम

जानलेवा ब्लू ह्वेल गेम, जिसका कि दूसरा नाम ब्लू ह्वेल चैलेंज भी है, ने आखिरकार एक और बच्चे को अपना शिकार बना लिया। हरियाणा के पंचकूला में सोलह साल के दसवीं के एक छात्र ने इस हत्यारे खेल के चक्कर में फंस कर शनिवार को पंखे से लटक कर आत्महत्या कर ली। इसी साल अगस्त में इंदौर में तेरह साल के एक छात्र ने तीसरी मंजिल से छलांग कर इस गेम की वजह से खुदकशी करने की कोशिश की थी। कुछ दिनों पहले भारत में इस खेल के चक्कर में

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सौभाग्य’ की बिजली

प्रधानमंत्री ने सोमवार को ‘सौभाग्य’ या सहज बिजली हर घर योजना नाम से विद्युतीकरण के जिस कार्यक्रम की घोषणा की, वह लक्ष्य के लिहाज से अपने आप में कोई नई बात नहीं है। यूपीए सरकार के दौरान राजीव गांधी ग्राम विद्युतीकरण योजना का मकसद भी सब तक बिजली पहुंचाना ही था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी, 2015 में अठारह हजार से ज्यादा गांवों के विद्युतीकरण का काम एक हजार दिनों में पूरा करने का लक्ष्य रखा था। एक साल बाद स्वतंत्रता दिवस पर देश को संबोधित करते हुए उन्होंने दावा

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