अफ्रीका में हजारों वर्ष पहले कैसे पहुंच गया शिवलिंग, जानिए क्या है कारण
भगवान शिव यानि देवों के देव महादेव को कई नामों से जाना जाता है। लेकिन पौराणिक कथाओं के अनुसार शिव के जन्म का कोई बड़ा प्रमाण नहीं है, वह स्वयंभू हैं तथा सारे संसार के रचयिता हैं। उन्हें संहारकर्ता भी कहा जाता है। उनके सिर में चंद्रमा तथा जटाओं में गंगा का वास है। उन्होनें विश्व की रक्षा के लिये विष पान किया था इसलिये उन्हें नीलकंठ कहा जाता है। गले में नाग देवता विराजित हैं और हाथों में डमरू और त्रिशूल लिए हुए हैं। कैलाश पर उनका वास है।
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