बिहार: मुजफ्फरपुर जैसा कांड रोकने के लिए बना निदेशालय तीन साल से निष्क्रिय, फिर भी एक साल में एक करोड़ खर्च

बिहार के मुजफ्फरपुर स्थित बालिका गृह में बच्चियों का यौन उत्पीड़न होता रहा। मानसिक और शारीरिक रूप से उनका शोषण किया गया। उन्हें होटलों में भेजा गया। देह व्यापार करवाया गया। वर्ष 2017 में सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया था कि बाल सुधार गृहों का भी ऑडिट होना चाहिए। इसके बाद टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल सायंस की टीम के द्वारा ऑडिट किए जाने पर इस मामले का खुलासा हुआ। शायद यह टीम निरीक्षण न करती तो अभी भी बच्चियों दरिदों के हाथों रौंदी जाती रहती। लेकिन इस घटना ने बिहार के
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