भगवान सूर्य की दो संतानें- यम और यमुना, दोनों भाई-बहन के मिलन का अवसर है भैया दूज

दीपावली के ठीक दो दिन बाद पूरे भारत में मनाया जाने वाला भैया दूज एक गहरी आस्था का पर्व माना जाता है। आज शनिवार (21 अक्तूबर) को भाई-बहन के अटूट और पवित्र रिश्ते को पूरे देश में हर्षोल्लास के साथ यह पर्व मनाया जा रहा है। कीर्तिक मास के दूसरे दिन दूज मनाए जाने का पुराणों में भी उल्लेख मिलता है। यह अलग बात है कि विविधताओं से परिपूर्ण भारत देश में अलग-अलग नाम से इस पर्व को पुकारा जाता है मगर मकसद सबका एक है। बंगाल में इसे लोग

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भाई दूज पूजा विधि और समय 2017: इस विधि से करें भाई दूज की पूजा, नहीं लगेगी भाई को बुरी नजर

हिंदूओं के प्रमुख त्योहार दिवाली का प्रमुख उत्सव होता है, इस पांचदिवसीय त्योहार का आखिरी दिन होता है भाई दूज का पर्व। भाई दूज का त्योहार भाई और बहन के प्यार को सुदृढ़ करने का त्यौहार है। यह त्योहार दिवाली से दो दिन बाद मनाया जाता है। हिन्दू धर्म में भाई-बहन के स्नेह-प्रतीक के रूप में दो त्योहार मनाये जाते हैं। पहला रक्षाबंधन जो कि श्रावण मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है। इसमें भाई बहन की रक्षा करने की प्रतिज्ञा करता है। दूसरा त्योहार भाई दूज का होता है

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दिल्ली के बाजार और राजनीति में छठ की छटा, नहाय-खाए के साथ 24 को शुरू होगा पर्व

दिवाली संपन्न होने के साथ ही लोक आस्था के महापर्व छठ की तैयारी दिल्ली और आसपास के शहरों में शुरू हो गई। बिना पुरोहित और बिना मंत्र के बिहार, झारखंड और पूर्वी उत्तर प्रदेश में मनाया जानेवाला पर्व अब दिल्ली और एनसीआर (राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र) का भी मुख्य पर्व बन गया है। चार दिन का यह पर्व 24 अक्तूबर को नहाय-खाए के साथ शुरू होगा। 25 अक्तूबर को खरना और 26 अक्तूबर को डूबते सूर्य को अर्घ्य देकर मुख्य पर्व की शुरुआत होगी जो 27 अक्तूबर को उगते हुए सूर्य

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Happy Bhai Dooj: इन फेसबुक, Whatsapp Images, मैसेज, SMS और ग्रीटिंग्स के जरिए दें भाई दूज की बधाई

हिंदूओं के प्रमुख त्योहार दिवाली का प्रमुख उत्सव होता है, इस पांचदिवसीय त्योहार का आखिरी दिन होता है भाई दूज का पर्व। भाई दूज का त्योहार भाई और बहन के प्यार को सुदृढ़ करने का त्यौहार है। यह त्योहार दिवाली से दो दिन बाद मनाया जाता है। हिन्दू धर्म में भाई-बहन के स्नेह-प्रतीक के रूप में दो त्योहार मनाये जाते हैं। पहला रक्षाबंधन जो कि श्रावण मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है। इसमें भाई बहन की रक्षा करने की प्रतिज्ञा करता है। दूसरा त्योहार भाई दूज का होता है

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भाई दूज 2017 पूजा मुहूर्त: जानिए क्यों मनाया जाता है भाईदूज और क्या है पौराणिक कारण

भाई दूज, भाई और बहन के बीच के प्यार का त्योहार है। यह त्योहार पूरे भारत में धूमधाम से मनाया जाता है। इस त्योहार का अपना महत्व है। इसको मनाए जाने का कारण भी है। हिंदू धर्म की मान्यता के अनुसार सूर्य की संज्ञा से दो संतानें थी एक पुत्र यमराज और दूसरी पुत्री यमुना। संज्ञा सूर्य का तेज सहन न कर सकी और छायामूर्ति का निर्माण करके अपने पुत्र और पुत्री को सौंपकर वहां से चली गईं। छाया को यम और यमुना से किसी प्रकार का लगाव न था,

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ज्योतिष विद्या के अनुसार इस पेड़ की छाया है अशुभ, हो सकता है वैवाहिक जीवन में क्लेश

घर में या आस-पास पेड़-पौधों का होना सकारात्मकता का संचार करता है। वास्तु और ज्योतिष के अनुसार इनके शुभ प्रभाव से घर में सुख-समृद्धि का समावेश होता है। कुछ पेड़-पौधे ऐसे होते हैं, जो स्वयं ही उग जाते हैं और नकारात्मक शक्तियों को जन्म देते हैं। पीपल को घर में रखने से होने वाले नुकसानों के बारे में बता रहे हैं महागुरु गौरव मित्तल। ऐसा ही एक पौधा है पीपल। जिसे घर में रखने से अशुभता का संचार होता है। वैसे तो इसकी छाया शीतलता प्रदान करती है लेकिन इसे घर

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Goverdhan 2017 Design: यहां जानिए कैसे बना सकते हैं गोवर्धन को आकर्षक और सुंदर

गोवर्धन पूजा का पर्व कार्तिक माह की कृष्ण पक्ष की प्रतिपाद तिथि को मनाया जाता है। इस दिन शाम के समय में विशेष रुप से भगवान कृष्ण की पूजा की जाती है। इस दिन को अन्नकूट के नाम से भी जाना जाता है। भारतीय लोकजीवन में इस पर्व का अधिक महत्व है। इस पर्व में प्रकृति के साथ मानव का सीधा संबंध दिखाई देता है। इस पर्व की अपनी मान्यता और लोककथा है। गोवर्धन पूजा में गोधन यानि गायों की पूजा की जाती है। शास्त्रों के अनुसार गाय उसी प्रकार

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गोवर्धन पूजा 2017: दिवाली के अगले दिन क्यों मनाया जाता है गोवर्धन, पढ़ें क्या है इसका महत्व

गोवर्धन पूजा का पर्व कार्तिक माह की कृष्ण पक्ष की प्रतिपाद तिथि को मनाया जाता है। इस दिन शाम के समय में विशेष रुप से भगवान कृष्ण की पूजा की जाती है। इस दिन को अन्नकूट के नाम से भी जाना जाता है। भारतीय लोकजीवन में इस पर्व का अधिक महत्व है। इस पर्व में प्रकृति के साथ मानव का सीधा संबंध दिखाई देता है। इस पर्व की अपनी मान्यता और लोककथा है। गोवर्धन पूजा में गोधन यानि गायों की पूजा की जाती है। शास्त्रों के अनुसार गाय उसी प्रकार

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गोवर्धन पूजा 2017 कथा और विधि: जानिए किस कथा का किया जाता है गोवर्धन की पूजा में पाठ

एक बार की बात है इंद्र को अपनी शक्तियों पर घमंड हो गया। तब भगवान कृष्ण ने उनके घमंड को चूर करने के लिए एक लीला रची। इसमें उन्होंने सभी ब्रजवासियों और अपनी माता को एक पूजा की तैयारी करते हुए देखा तो, यशोदा मां से पूछने लगे, “मईया आप सब किसकी पूजा की तैयारी कर रहे हैं?” तब माता ने उन्हें बताया कि ‘वह इन्द्रदेव की पूजा की तैयारी कर रही हैं।” फिर भगवान कृष्ण ने पूछा “मैइया हम सब इंद्र की पूजा क्यों करते है? तब मईया ने

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पड़ोसियों की नींद खराब न हो इसलिए होता है ‘साइलंट कीर्तन’

रात को होने वाले कीर्तन आपकी नींद न खराब कर दे इसके लिए अब महाराष्ट्र में उल्हास नगर की कीर्तन मंडली सजग हो गई है। यहां पर साइलंट कीर्तन का आयोजन होने लगा है। सुनने में अजीब है मगर यह सच है। उल्हास नगर के गोल मैदान में चलने वाले अमृत वेला कीर्तन के प्रबंधन ने अनूठा उपयोग किया है। अब यहां कीर्तन में आने वाले सभी भक्तों को हेडफोन दिया जाता है। इससे संगीत केवल हेडफोन लगाने वाले को ही सुनाई पड़ता है और आसपास का माहौल शांत बना

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गोवर्धन पूजा 2017: जानिए शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व

दीपावली के अगले दिन गोवर्धन पर्व मनाया जाता है। इस पर्व के दिन शाम के समय खास पूजा रखी जाती है। बता दें कि इसी दिन श्रीकृष्ण ने आज ही के दिन इंद्र का मानमर्दन कर गिरिराज की पूजा की थी। इस दिन मंदिरों में अन्नकूट किया जाता है। इस दिन गोबर का गोबर्धन बनाया जाता है इसका खास महत्व होता है। इस दिन सुबह-सुबह गाय के गोबर से गोबर्धन बनाया जाता है। यह मनुष्य के आकार के होते हैं। गोबर्धन तैयार करने के बाद उसे फूलों और पेड़ों का

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Happy Govardhan Puja 2017: इन Whatsapp, फेसबुक Images, SMS और ग्रीटिंग्स के जरिए दें अपने प्रियजनों को गोवर्धन पूजा की बधाई

Happy Govardhan Puja 2017 Images, Wishes: दीपावली के अगले दिन गोवर्धन पर्व मनाया जाता है। इस पर्व के दिन शाम के समय खास पूजा रखी जाती है। बता दें कि इसी दिन श्रीकृष्ण ने आज ही के दिन इंद्र का मानमर्दन कर गिरिराज की पूजा की थी। इस दिन मंदिरों में अन्नकूट किया जाता है। इस दिन गोबर का गोबर्धन बनाया जाता है इसका खास महत्व होता है। इस दिन सुबह-सुबह गाय के गोबर से गोबर्धन बनाया जाता है। यह मनुष्य के आकार के होते हैं। गोबर्धन तैयार करने के बाद

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Diwali 2017: क्या है हिंदू धर्म में दिवाली का महत्व, जानिए महापर्व के रुप में मनाए जाने का कारण

दिवाली भारत का सबसे ज्यादा मनाया जाने वाला पर्व है। इस प्रकाश के उत्सव को प्रकाशोत्सव के नाम से भी जाना जाता है। इस वर्ष दिवाली का पर्व 19 अक्टूबर 2017 को यानि गुरुवार को है। ये पर्व भारत के हर हिस्से में मनाया जाता है चाहे वो उत्तर भारत हो या दक्षिण भारत में। इस दीपों के पर्व को दिपावली भी कहा जाता है। हिंदू पंचाग के अनुसार ये पर्व कार्तिक माह की अमावस्या को मनाया जाता है। दिवाली एक पंचदिवसीय त्योहार है। इसकी शुरुआत धनतेरस के दिन से

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Diwali Puja 2017: दिवाली की पूजा के बाद करें ये महाउपाय, दूर हो सकती हैं जीवन की सभी परेशानियां

दिवाली का त्योहार भगवान राम और माता सीता के 14 वर्ष के लौटने पर अयोध्यावासियों ने उनके स्वागत में घी के दीपक जलाकर किया था। इसके साथ ही इस दिन के लिए ये मान्यता है कि इस दिन माता लक्ष्मी का जन्म हुआ था, इसलिए ही इस दिन माता लक्ष्मी का पूजन किया जाता है। इस त्योहार को बुराई की अच्छाई की जीत का प्रतीक माना जाता है। ये पर्व भारत के हर हिस्से में मनाया जाता है चाहे वो उत्तर भारत हो या दक्षिण भारत में। इस दीपों के

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दिवाली 2017 पूजा विधि, मुहूर्त: जानिए पूजा का क्या है शुभ मुहूर्त और किस विधि से कर सकते हैं माता लक्ष्मी को प्रसन्न

दिवाली भारत में मनाया जाने वाला हिंदूओं का सबसे महत्वपूर्ण पर्व है। इस दिन प्रभु श्री राम की अयोध्या वापसी पर लोगों ने उनका स्वागत घी के दिये जलाकर किया कि अमावस्या की काली रात रोशन भी रोशन हो गई और अंधेरा मिट गया उजाला हो गया। इसका ये अर्थ है कि अज्ञानता के अंधकार को समाप्त कर ज्ञान का प्रकाश हर और फैलने लगा इसी के कारण दिवाली को प्रकाशोत्सव भी कहा जाता है। दिवाली का त्योहार जब आता है तो साथ में अनेक त्यौहार लेकर आता है। इस

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