Diwali 2017: क्या है हिंदू धर्म में दिवाली का महत्व, जानिए महापर्व के रुप में मनाए जाने का कारण

दिवाली भारत का सबसे ज्यादा मनाया जाने वाला पर्व है। इस प्रकाश के उत्सव को प्रकाशोत्सव के नाम से भी जाना जाता है। इस वर्ष दिवाली का पर्व 19 अक्टूबर 2017 को यानि गुरुवार को है। ये पर्व भारत के हर हिस्से में मनाया जाता है चाहे वो उत्तर भारत हो या दक्षिण भारत में। इस दीपों के पर्व को दिपावली भी कहा जाता है। हिंदू पंचाग के अनुसार ये पर्व कार्तिक माह की अमावस्या को मनाया जाता है। दिवाली एक पंचदिवसीय त्योहार है। इसकी शुरुआत धनतेरस के दिन से होती है और भाईदूज तक इस त्योहार को मनाया जाता है। दिवाली भारत का एक ऐसा पर्व है जिसे हर कोई उत्सव के रुप में मनाता है, इसलिए ही इसे महापर्व कहा जाता है। हिंदू, सिख, बौध, जैन सभी धर्मों में इस त्योहार को मनाया जाता है। इसे मनाने की चाहे मान्यताएं अलग हो लेकिन हर कोई अपने प्रियजनों से मिलकर और मिठाई बांटकर दिवाली मनाते हैं। भारत में दिवाली मनाने के पीछे कई कथाएं हैं।

हिंदू धर्म में 14 वर्ष के वनवास के बाद अयोध्या के राजा राम वापस आए तो वहां के लोगों ने दिए जलाकर उनका स्वागत किया था तबसे दिवाली का त्योहार मनाया जाता है। दिवाली के लिए ये मान्यता है कि इस दिन माता लक्ष्मी का जन्मदिन भी माना जाता है। इसलिए उनकी इसदिन पूजा की जाती है और दिवाली मनाई जाती है। इसके अलावा दिवाली के दिन कई ऐतिहासिक घटनाएं हुई हैं जो इस त्योहार को और खास बनाती हैं। इस दिन भगवान विष्णु ने वमन अवतार धारण करके लक्ष्मी जी को बाली की कैद से छुड़ाया था। दिवाली मनाने के पीछे यह भी एक कारण है।इस दिन भगवान कृष्ण ने नरकासुर का वध किया था। नरकासुर ने 16,000 महिलाओं को बंदी बना रखा था जिन्हें कृष्ण ने उसका वध करके मुक्त किया था। इसलिए दिवाली के त्योहार में एक दिन इस विजय के रूप में मनाया जाता है।

कार्तिक अमावस्या के दिन पांडव 12 साल के अज्ञातवास के बाद वापस आए थे। पांडवों को मानने वाली प्रजा ने इस दिन दीप जलाकर उनका स्वागत किया था। रावण का वध करके 14 साल के वनवास के बाद राजा राम पत्नी सीता और भाई लक्ष्मण के साथ अयोध्या वापस आए थे। इस दिन नगरवासियों ने पूरे नगर को सजाकर दिये जलाए थे। तब से दिवाली का त्योहार मनाया जाता है। इस दिन हिंदू धर्म के महान राजा विक्रमादित्य का राजतिलक हुआ था। इसलिए भी दिवाली एक ऐतिहासिक त्योहार है। महार्षि दयानंद ने इस दिन निर्वान की प्राप्ति की थी। इसलिए भी दिवाली एक खास त्योहार है। यह दिन जैन समुदाय के लिए भी खास है। इस दिन जैन गुरु महावीर ने निर्वान की प्राप्ति की थी इसलिए जैन समुदाय भी दिवाली मनाता है। सिक्ख समुदाय के लिए भी यह त्योहार खास है। इस दिन छठे सिक्ख गुरु हरगोबिंद को 52 अन्य राजाओं के साथ ग्वालियर फोर्ट में कैद से छोड़ा गया था।

 

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