मोदी की अगुआई में 2019 में और बेहतर प्रदर्शन करेगी भाजपा : शाह

गिरीश कुबे

अपनी जानी- पहचानी स्पष्टवादिता और आत्मविश्वास के साथ भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने ध्रुवीकरण और ह्यहवा में बदलावह्ण सहित पार्टी की तमाम आलोचनाओं को खारिज करते हुए कहा, ह्लविकास का जिस तरह का लंबा-चौड़ा कार्यक्रम हमारे पास है, उसके बूते नरेंद्र मोदी की अगुआई वाली भाजपा सरकार 2019 के चुनावों में अपना प्रदर्शन और बेहतर करेगी। शाह ने कहा कि राजनीतिक लाभ के लिए धार्मिक आधार पर ध्रुवीकरण भाजपा के एजंडे में नहीं होगा। हमारी तरफ से कोई ऐसा प्रयास नहीं होगा जिससे राजनीतिक माहौल सांप्रदायिक रंग ले। साथ ही उन्होंने जोड़ा, ह्लकिसी और से कहीं ज्यादा यह मीडिया है जो इसे लेकर जुनूनी है। द इंडियन एक्सप्रेस समूह को दिए गए एक साक्षात्कार में शाह ने राजनीतिक माहौल पर असर डालने वाले तमाम मुद्दों और खास तौर से भाजपा जिसमें पीट-पीटकर हत्याओं व चौकसी समूहों का मुद्दा भी शामिल है, पर अपनी बात रखी। ‘राजनीतिक माहौल में बदलाव’ की बातों को उन्होंने सिरे से खारिज कर दिया। देश की एक-एक सीट का थका देने वाला दौरा करने के बाद शाह का विश्वास है कि, ह्लइस बार भाजपा के पक्ष में कहीं ज्यादा तेज लहर है। उनके अनुसार: दूर-दूर तक कहीं कोई चुनौती खड़ी नहीं दिखती। शाह ने कहा, ह्लभाजपा के समर्थकों की संख्या 11 करोड़ तक पहुंच चुकी है। इसका मतलब यह है कि बहुत से वास्तव में शामिल हो चुके हैं। यह संख्या भी अभी और आगे बढ़ेगी और वे चारों तरफ फैले हुए हैं। स्वाभाविक है कि ये सारे हमारे वोटर हैं। उन्होंने कहा कि अगर इनमें से आधे ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया तो भी हम आराम से सरकार बना लेंगे।

उन्होंने भाजपा के विरोध में सभी विपक्षी पार्टियों के महागठबंधन के विचार को खारिज करते हुए कहा, ह्लकौन सा राज्य है जिसमें यह काम करेगा। लगभग सभी राज्यों के मतदाताओं ने इन पार्टियों को अस्वीकार कर दिया है। यह पूछे जाने पर कि जब भाजपा अपनी ताकत को लेकर इतनी है आश्वस्त है तब क्यों भगवा खेमे के कुछ लोग माहौल को बिगाड़ने के इच्छुक प्रतीत हो रहे हैं, शाह ने इसका प्रतिकार करते हुए कहा: किसी भी घटना में भाजपा का कोई नेता शामिल नहीं है। यह मीडिया है जो इस तरह की तस्वीर गढ़ रहा है। अगर मीडिया इसे तूल न दे तो कोई ध्रुवीकरण नहीं होगा। शाह ने कहा, ह्लहम ऐसा क्यों करेंगे (ध्रुवीकरण) जब हमारे खाते में इतने सारे सकारात्मक कार्यक्रम है? अपने नवोन्मेषी कल्याणकारी कार्यक्रमों के जरिए भाजपा 19 राज्यों के 22 करोड़ लोगों के जीवन में बदलाव लाई है। हमने साढ़े सात करोड़ घरों में शौचालय बनवाए, 19 हजार गांवों में बिजली पहुंचाई, 12 करोड़ लोग मुद्रा योजना के लाभार्थी हैं, 18 करोड़ बच्चों का टीकाकरण किया और 19 करोड़ लोगों को स्वास्थ्य बीमा के दायरे में ले आए। इसके अलावा सड़क और रेल के विकास के लिए हमारी सरकार के दौरान किए गए कार्यों को भी इसमें जोड़ लें। ये सारी चीजें 2019 के चुनावों में हमें जीत दिलाने के लिए पर्याप्त हैं। सत्तारूढ़ दल विभिन्न मुद्दों से कथित सांप्रदायिक तरीके से निपटने को लेकर जिसमें जम्मू कश्मीर भी शामिल है, लगातार निशाने पर है। इस पर शाह का जवाब है कि भाजपा उन ‘ऐतिहासिक गलतियों’ को ठीक करने के प्रयास में है जो आजादी के समय से ही जम्मू कश्मीर मुद्दे से निपटने में हुई हैं। उन्होंने कहा, ह्लकिसी भी अच्छी सरकार को कम विकसित क्षेत्रों के लिए काम करना चाहिए। इसलिए आप देखेंगे कि जम्मू कश्मीर के जम्मू और लद्दाख में बहुत से विकास कार्य हो रहे हैं। यह इसलिए हुआ कि (पिछली सरकारों की) गलत नीतियों के कारण ये क्षेत्र काफी पीछे छूट गए। हम सिर्फ उन गलतियों को ठीक कर रहे हैं।

भाजपा अध्यक्ष ने इस आलोचना को भी खारिज कर दिया कि उनकी पार्टी गठबंधन के प्रति दोस्ताना रुख नहीं रखती। उन्हें नहीं लगता है कि तेलुगू देशम पार्टी के गठबंधन छोड़ने और हालिया दिनों में शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे के भाजपा की आलोचना के कोई खास निहितार्थ निकाले जाने चाहिए। उन्होंने कहा, यह तेदेपा का फैसला था और अब हम उनके पास दोबारा गठबंधन में शामिल होने का अनुरोध करने नहीं जाएंगे। और जहां तक शिवसेना का सवाल है, हमारा मानना है कि फिलहाल वे गठबंधन में हैं और सरकार में भी हमारे साथ हैं। जब तक वो हमारे साथ बने हुए हैं, तब तक हम क्यों किसी बात का संज्ञान लें। भाजपा अध्यक्ष शिवसेना की किसी तरह की परोक्ष या अपरोक्ष निंदा से कन्नी काटते दिखे। हालांकि उन्होंने 2019 चुनाव से पहले नए गठबंधनों की संभावना के संकेत दिए। उन्होंने कहा, ह्लयह स्वाभाविक है कि किसी भी गठबंधन में कुछ जोड़ घटाव होता रहता है। पार्टियां नए साथी खोज लेती हैं। ऐसे में चुनाव पूर्व गठबंधन पूरी तरह से जायज है, भले ही नया हो, इससे मतदाताओं को स्पष्ट हो जाता है कि कौन किसके साथ है। हालांकि जब उनसे संभावित गठबंधन सहयोगी के रूप में शरद पवार की अगुआई वाली राकांपा के बारे में पूछा गया तो वे चेहरे पर मुस्कुराहट नहीं रोक पाए। उन्होंने कहा, ह्लफिलहाल हम शिवसेना के साथ गठबंधन में हैं। थोड़ा और कुरेदने पर उन्होंने गोल-मोल जवाब देते हुए कहा,देखिए किसी को भी मोदीजी के विभिन्न दलों के नेताओं के साथ व्यक्तिगत संबंधों की वजह से किसी को भाजपा के संभावित या असंभावित गठबंधन सहयोगियों को लेकर भ्रमित नहीं होना चाहिए।

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