सुप्रीम कोर्ट: 15 दिन में बंद हों दिल्ली में रिहायशी इलाकों में चल रही फैक्ट्रियां, सुप्रीम कोर्ट का कड़ा आदेश

नई दिल्ली: दिल्ली में सीलिंग मामले पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने उपराज्यपाल अनिल बैजल को फटकार लगाई है. गुरुवार (11 अक्टूबर) को मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा कि यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है कि 15 साल हो गए मॉनिटरिंग कमिटी को गठित करें हुए लेकिन आज भी दिल्ली में रिहायशी इलाकों में इंडस्ट्रियल यूनिट चल रही है. उपराज्यपाल अनिल बैजल को फटकार लगाते हुए कोर्ट ने कहा कि वह कोर्ट को आश्वस्त करें की जितने भी रिहायशी इलाके हैं जहां अवैध तरीके से इंडस्ट्रियल यूनिट चल रहे हैं उन्हें 15 दिन के अंदर सील किया जाए.

31 जनवरी को सुनवाई के दौरान कोर्ट ने डीडीए और अन्य पार्टियों से दिल्ली का मास्टर प्लान लाने के निर्देश दिए थे. अदालत ने कहा था कि अगर एक बार यह मान लिया जाए कि मॉनिटरिंग कमेटी को भंग कर दें तो क्या निगम ऐसे मामलों में कार्रवाई नहीं कर सकता?

दिल्ली सीलिंग मामले में सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने उपराज्यपाल को इससे निपटने के लिए 15 दिन का वक्त दिया है. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने पिछली सुनवाई में दिल्ली सरकार को फटकार लगाई थी. कोर्ट ने दिल्ली सीलिंग पर सख्त रुख अपनाते हुए कहा था कि पूरी दिल्ली में अवैध निर्माण हो रहा है. कोर्ट ने दिल्ली सरकार और नगर निगम से कहा कि आप लोग दिल्ली में तबाही का इंतजार कर रहे हैं. अब दिल्ली सरकार क्या करेगी ? अभी तक तो केंद्र सरकार पर आरोप प्रत्यारोपण ही चल रहा था। अब दिल्ली सरकार सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार सीलिंग करेगी।

दिल्ली में सीलिंग का मामला अब राजनैतिक रूख ले चुका है. दिल्ली सरकार पर कांग्रेस लगातार सीलिंग के मुद्दे पर आरोप लगा रही है. पिछले दिनों कांग्रेस ने सीलिंग के मुद्दे पर बड़ा खुलासा करते हुए कहा था कि एमसीडी द्वारा साउथ दिल्ली की लगभग 163 प्रॉपर्टी को सील किया गया था.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *