शरद पूर्णिमा 2017: आज रात भारत में दिखेगा पूरा चंद्रमा, जानें समय और क्या होगा प्रभाव

शरद पूर्णिमा हिंदू पंचाग के अनुसार सभी पूर्णिमाओं में सबसे महत्वपूर्ण होती है। शरद पूर्णिमा के दिन चंद्रमा अपनी सभी 16 कलाओं के साथ निकलता है। शास्त्रों के अनुसार इस दिन अगर अनुष्ठान किया जाए तो यह अवश्य सफल होता है। मान्यता है कि इस दिन भगवान श्री कृष्ण ने गोपियों के साथ महारास रचा था। इस दिन चन्द्रमा कि किरणों से अमृत वर्षा होती है। इसी कारण इस दिन खीर बनाकर रात भर चांदनी में रखकर अगले दिन प्रात:काल में खाने का विधि-विधान है। शरद पूर्णिमा की रात चंद्रमा हमारी धरती के बहुत करीब होता है। इसलिए चंद्रमा के प्रकाश में मौजूद रासायनिक तत्व सीधे-सीधे धरती पर गिरते हैं। खाने-पीने की चीजें खुले आसमान के नीचे रखने से चंद्रमा की किरणे सीधे उन पर पड़ती है। जिससे विशेष पोषक तत्व खाद्य पदार्थों में मिल जाते हैं जो हमारी सेहत के लिए अनुकूल होते हैं।

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार कहा जाता है की इस रात माता लक्ष्मी रात्रि में यह देखने के लिए घूमती हैं कि कौन जाग रहा है और जो जाग रहा है महालक्ष्मी उसका कल्याण करती हैं। कहा जाता है इसी रात के बाद से मौसम बदलता है और सर्दी के मौसम का आगमन होता है। कहतें है की इसी रात में भगवान श्री कृष्ण भी गोपियों के साथ रासलीला रचातें हैं। इस रात अगर आपको आपको धन का खजाना पाना है तो देवी लक्ष्मी की इस रात अवश्य पूजा करनी चाहिए। शरदपूर्णिमा की रात दीवाली से भी ज्यादा अहम है, क्योंकि इस रात स्वयं मां लक्ष्मी अपने भक्तों को संपत्ति देने के लिये खोजती हैं।

शरद पूर्णिमा के दिन चंद्रमा निकलने के पश्चात अवश्य ही सावधान हो जाना चाहिए। जो उपाय इस दिन के लिए ज्योतिषों ने जो उपाय सुझाए हों उन्हें अपनाएगें तो देवी लक्ष्मी आपको अवश्य वरदान देंगी। शरद पूर्णिमा की तिथि 5 अक्टूबर 1 बजकर 47 मिनट से शुरु हो जाएगी। शरद पूर्णिमा की तिथि 6 अक्टूबर को रात 12 बजकर 9 मिनट पर खत्म होगी। जैसा कि शास्त्रो के अनुसार सुझाया गया है कि चंद्रमा निकलने के बाद कुछ सावधानियां बरतनी चाहिए तो आज शाम यानि शरद पूर्णिमा की शाम को चांद 6 बजकर 2 मिनट पर निकलेगा और उसके पश्चात से खीर बनाकर चांदनी रात में रख दें।

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