भानगढ़ का रहस्यमय किला: राजकुमारी के प्रेमी के श्राप से ये हुआ भुतिया किला : देखें Video

पुराने जमाने में बड़े बुजुर्ग जो कहानियां सुनाते थे उनमें कभी-कभी भूत की कहानियां भी शामिल होती थी। सिनेमा जगत में भी हॉरर फिल्मों से खूब कमाई की जाती है। वहीं मानव इतिहास में भी बहुत सी भूत-प्रेतों की कहानियां चर्चा में बनी रहती हैं। कुल मिलाकर भले ही भूत-प्रेतों की कहानियों को कुछ लोग झूठा मानते हों। इसके बावजूद ये कहानियां हमारे इर्द-गिर्द घूमती नजर आती हैं। यहां तक कि ऐसे बहुत से लोग हैं जो भूत-प्रेतों की कहानियों में विश्वास भी रखते हैं। जहां वैज्ञानिक आज तक भूत-प्रेतों के कोई भी ठोस सबूत ढूंढ़ पाने में असफल रहे हैं। वहीं ऐसे हजारों लोग मौजूद हैं, जो भूत-प्रेतों को देखने की बात कहते हैं। इसके अलावा भारत में ही ऐसी बहुत सी जगह हैं जहां भूतों का बसेरा माना जाता है। उन्हीं में से एक है राजस्थान का भानगढ़ किला। चलिए आज हम आपको इस किले से जुड़ी से जुड़ी कुछ रोचक बातें बताते हैं।

राजस्थान के अलवर जिले का भानगढ़ का किला भुतहा होने की वजह से चर्चा में बना रहता है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुतबिक भानगढ़ के किले में कई रहस्य हैं। इस किले के भुतहा होने की वजह 16वी शताब्दी में हुई एक घटना बताई जाती है। लोगों का मानना है कि उस घटना के बाद इस किले में आत्माओं का वास है। यहां तक कि रात के समय सभी भूत जमा होते हैं और किले में घूमते हैं।

कहा जाता है कि 16वी शताब्दी में यहां सिंघिया नाम का एक जादूगर आया था। उस जादूगर को यहां रहने के दौरान भानगढ़ की राजकुमारी रत्नावती से प्यार हो गया था। इसके बाद एक दिन जादूगर की मृत्यु हो जाती है और राजकुमारी से उसका मिलाप अधुरा रह जाता है। मरने से पहले सिंघिया जादूगर श्राप देता है कि भानगढ़ का यह किला नष्ट हो जाएगा, इसके आस-पास आने से भी लोग डरने लगेंगे। हालांकि जादूगर की मौत की ठीक-ठीक वजह किसी को मालूम नहीं है।

जादूगर के मरने के कुछ दिन बाद ही इस किले में कई घटनाएं होने लगी और धीरे-धीरे भानगढ़ का किला खण्डर में तब्दील हो गया। लोगों का मानना है कि रात के वक्त इस खण्डर किले में भूतों का जमावड़ा लगता है।

बताया जाता है कि अंधेरा होने के बाद लोग आज भी इस किले से दूरी बनाकर चलते हैं। यहां तक कि भारतीय पुरातत्व विभाग ने यहां एक बोर्ड भी लगाया हुआ है। इस बोर्ड पर लिखा है कि शाम होने के बाद और सुबह होने से पहले इस किले में प्रवेश वर्जित है।

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