PM मोदी – चाणक्‍य के बाद राष्‍ट्रीय एकता का काम सरदार पटेल ही कर पाए

31 अक्‍टूबर को सरदार वल्‍लभभाई पटेल की 144 वीं जयंती के मौके पर पीएम मोदी ने लौह पुरुष को गुजरात के केवडिया में स्‍टैच्‍यू ऑफ यूनिटी पर श्रद्धांजलि करने के बाद कहा कि आज भी सरदार पटेल के एक-एक शब्‍द का महत्‍व है. स्‍टैच्‍यू ऑफ यूनिटी से ऊर्जा और शांति मिलती है. ये प्रतिमा एकता की प्रतीक है. एकता ही वह प्रवाह है जिसमें भारतीयता का प्रवाह है. पीएम मोदी ने कहा कि लगता है सरदार पटेल की प्रतिमा का एक व्यक्तित्व है…सामर्थ्य है…उतनी ही पवित्र है. किसानों के लोहे से अलग-2 मिट्टी से इस प्रतिमा का निर्णाण हुआ है. ये प्रतिमा जीवंत है और जीता जागता संदेश है.

उन्‍होंने कहा कि आजादी के बाद भारतीयता की भावना लुप्त नहीं हुई थी इसलिए सरदार पटेल एकता का मंत्र लेकर निकले तो सभी उनकी छत्र छाया में खड़े हो गए. सभी को साथ में लेकर, राजे रजवाड़े को साथ लेकर एक भारत को साथ लेकर वह चले. चाणक्य के बाद अगर ये काम कोई कर पाया तो सरदार पटेल कर पाए. वरना अंग्रेज तो चाहते थे कि हमारा देश छिन्न-भिन्न हो जाए. विविधता में एकता हमारी पहचान है. दुनिया भारत की बात गंभीरता से सुनती है. विविधता में एकता हमारी शक्ति है. भारत दुनिया की बड़ी आर्थिक ताकतों में जगह बना रहा है.

पीएम मोदी ने कहा कि दुनिया को हमारी ये विविधता जादू लगती है, लेकिन ये तो हमारे लिए अंर्तप्रवाहित धारा है. 21वीं सदी में भारत की एकता देश के विरोधियों के सामने सबसे बड़ी चुनौती है. कई आए और कई चले गए लेकिन बात तो यही निकली कि कुछ बात है कि हस्ती मटती नहीं हमारी. जो हमसे युद्ध नहीं जीत सकते हैं वो हमारी एकता को छेद करने की कोशिश करते हैं. एकता के भाव को चुनौती देते हैं लेकिन वो भूल जाते हैं कि सदियों की कोशिश के बावजूद हमें कोई नहीं मिटा सका..v

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