राजस्‍थान दवा नियंत्रक की रिपोर्ट में सिप्‍ला, सन फार्मा जैसी चार बड़ी कंपनियों की दवाओं में गड़बड़

राजस्थान दवा नियंत्रक बोर्ड ने 4 बड़ी दवा कंपनियों , जिनमें सिप्ला, सन फार्मास्यूटिकल इंडस्ट्रीज, एरिस्टो फार्मास्यूटिकल इंडस्ट्रीज और एलकेम लेबोरेट्री की कुछ दवाओं को घटिया करार दिया है। बोर्ड ने अपने ड्रग कंट्रोल अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने को कहा है कि स्टॉक में मौजूद ये दवाएं ना इस्तेमाल हों और साथ ही बाजार से भी इन दवाओं को हटाया जाए। हालांकि कंपनियों ने द इंडियन एक्सप्रेस को गुरुवार को बताया कि राजस्थान दवा नियंत्रक बोर्ड द्वारा जो सैंपल टेस्ट किए गए हैं, वो ‘नकली’ हैं। 2 अगस्त को राजस्थान के दवा नियंत्रक बोर्ड ने अपने अधिकारियों को एक बुलेटिन भेजा है, जिसमें 4 बड़ी दवा कंपनियों के कुल 8 ब्रांड को गुणवत्ता के अनुरुप नहीं माना है। इसके अलावा इस लिस्ट में छोटी दवा कंपनियों के 9 अन्य ब्रांड भी शामिल हैं।

दवा नियंत्रक बोर्ड ने इस बुलेटिन में लिखा है कि कुछ विशेष सैंपल जांच के दौरान गुणवत्ता के अनुरुप नहीं पाए गए हैं। ऐसे में ड्रग्स एंड कोस्मेटिक्स एक्ट, 1940 के नियमों के तहत इन दवाओं का स्टॉक इस्तेमाल ना हो, यह सुनिश्चित किया जाए और साथ ही उपभोक्ताओं को इन दवाओं के बदले में कोई उचित दवा मुहैया कराने का प्रबंध किया जाए। बता दें कि राजस्थान दवा नियंत्रक की जांच के दौरान सन फार्मा का मशहूर ब्रांड Pantocid DSR- जिसका बैच नंबर EMS 2060 है- गुणवत्ता के अनुरुप नहीं पाया गया है। इस दवाई का मुख्य इंग्रीडेंट पैंटाप्राजोल जहां दवाई से गायब मिला, वहीं एक अन्य इंग्रीडेंट अपने बताए गए अनुपात से काफी कम मिला। वहीं इस पर सन फार्मा कंपनी का कहना है कि जो सैंपल ड्रग अधिकारियों द्वारा जांचे गए हैं, उनका निर्माण सन फार्मा द्वारा नहीं किया गया है। हमने भी इन सैंपल्स की जांच की है और अपनी जांच में इन्हें नकली पाया है।

सन फार्मा की तरह ही एलकेम लेबोरेट्रीज की Clavam 625, Taxim-O 200 और Pan 40 दवाईयां भी जांच के दौरान घटिया पायी गई हैं। राजस्थान दवा नियंत्रक का कहना है कि इन दवाओं में भी कई जरुरी इंग्रीडेंट्स गायब हैं। एलकेम लेबोरेट्रीज का भी कहना है कि इन दवाओं का निर्माण उनके द्वारा नहीं किया गया है और कंपनी ने इन्हें नकली करार दिया है। इसी तरह एरिस्टो फार्मा की Pantop DSR, Pantop 40 और Monosef-O 200 दवाईँ गुणवत्ता के मामले में घटिया पायी गई हैं। सिपला की Montair LC नामक दवा जो कि एलर्जी के इलाज में काफी ज्यादा इस्तेमाल की जाती है, वह भी मानकों के अनुरुप नहीं मिली है। उल्लेखनीय है कि एरिस्टो फार्मा ने इंडियन एक्सप्रेस के साथ अपने एक फील्ड ऑफिसर के साथ हुई बातचीत के अंश साझा किए हैं। इस बातचीत में कंपनी के वीपी, मार्केटिंग अनिरुद्ध खंडेलवाल ने अपने एक फील्ड ऑफिसर को इस बात के प्रति आगाह किया है कि राजस्थान में हाल ही में नकली दवाओं के कारोबार का खुलासा किया गया है, जिससमें करीब 40 लाख रुपए कीमत की विभिन्न ब्रांड की नकली दवाईयां बरामद की गई थी।

दीपक पटेल

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