गूगल ने डिलीट किए जासूसी करने वाले ये 20 ऐप

 

नई दिल्ली (28 जुलाई): अधितर लोग गूगल एप्प का इस्तेमाल करते हैं। आप जानकर चौंक जाएंगे कि गूगल के कुछ एप आपकी जासूसी करते थे। जी हां गूगल ने प्ले स्टोर से हाल ही में ऐसे 20 ऐप्स को हटा दिया जो यूजरों की जासूसी करते पाए गए। ये ऐप्स यूजरों के ई-मेल, टेक्स्ट, वॉइस कॉल्स, लोकेशन और दूसरी चीजों पर नजर रख रहे थे। ये 100 से ज्यादा फोन्स पर इन्स्टॉल्ड थे।

इन ऐप्स में लिपिज्जां नाम का एक स्पाईवेयर मौजूद था जिसकी मदद से ये पुराने ऐंड्राॅयड वर्जन वाले हैंडसेट्स में सिक्यॉरिटी प्रोटेक्शन दरकिनार कर संवेदनशील यूजर डेटा इकट्ठा कर रही थीं। गूगल ने इस मामले पर एक ब्लॉग पोस्ट भी लिखा। इस पोस्ट में बताया गया है कि इन ऐप्स में ऐसे कोड थे जिनकी मदद से ये फंक्शन परफॉर्म किए जा सकते थे।

-कॉल रिकॉर्डिंग
-VoIP रिकॉर्डिंग
-डिवाइस के माइक से रिकॉर्डिंग
-लोकेशन मॉनिटरिंग
-स्क्रीनशॉट्स लेना
-फोन के कैमरे से फोटो लेना
-डिवाइस की इन्फर्मेशन और फाइल्स ऐक्सस करना
-कॉन्टैक्ट, कॉल लॉग, एसएमएस, ऐप का डेटा ऐक्सेस करना

इन ऐप्स ने जीमेल, हैंगाउट्स, मेसेंजर जैसे ऐप्स से इन्फर्मेशन इकट्ठी की थी और वॉट्सऐप, टेलिग्राम और वाइबर जैसे ऐप्स के मेसेज भी पढ़ रहे थे। गूगल ने कहा कि शुरू में उसने इन ऐप्स को ब्लॉक किया, लेकिन जल्द ही वे थोड़े बहुत बदलाव के साथ एक बार फिर पहले जैसे ही फॉर्मैट में प्ले स्टोर में वापस आ गए।

ये ऐप्स कुछ इस तरह तैयार किए गए थे जैसे इन्हें सायबर आर्म्स कम्पनी एक्वस टेक्नॉलजी द्वारा डिवेलप किया गया हो। शुरुआत में इन्होंने ऐसा दिखाया, जैसे ये फाइलों का बैकअप लेने के लिए तैयार किए गए हैं। एक बार जब इन्हें ब्लॉक कर दिया गया, तो ये क्लीनर, नोटपैड, साउंड रिकॉर्डर और अलार्म मैनेजर ऐप्स के जैसे दिखने लगे।

ब्लॉग में आगे बताया गया है, ‘लिपिज्जां एक मल्टि-स्टेज स्पाईवेयर है जो यूजरों के ईमेल में घुस सकता है, उनके मेसेज, लोकेशन, वॉइस कॉल्स और मीडिया को भी ऐक्सेस कर सकता है। हमने पाया कि 20 लिपिज्जां ऐप बहुत चालाकी से 100 से कम डिवाइसेज पर मौजूद हैं। हमने इनके डिवेलपर्स और इन ऐप्स को ऐंड्ऱ़ॉयड ईकोससिस्टम से ब्लॉक कर दिया है।’

एक बार इंस्टॉल होने के बाद ये ऐप सेकंड स्टेज में लाइसेंस वेरिफिकेशन करवाते हैं फिर डिवाइस को स्कैन करते थे और फिर डिवेलपर द्वारा नियंत्रित एक सर्वर पर डेटा भेज देते हैं। कम्पनी का कहना है कि गूगल प्ले प्रॉटेक्ट की स्पाईवेयर पकड़ने की क्षमता को बढ़ाया गया है और यूजरों की सुरक्षा के लिए उन्हें कुछ सुझाव भी दिए जा रहे हैं।

-सुनिश्चित करें कि आप गूगल प्ले प्रॉटेक्ट का हिस्सा हैं।
-गूगल प्ले स्टोर का ही इस्तेमाल करें क्योंकि यह बाकी इन्स्टॉल मकैनिज़म्स के मुकाबले काफी सेफ है।
-‘अननोन सोर्सेज’ को इस्तेमाल न कर रहे हों तो उन्हें डिसेबल ही रखें।
-अपने फोन पर लेटेस्ट ऐंड्रॉयड सिक्यॉरिटी अपडेट ज़रूर लें।

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