कलयुग में भगवान आते हैं यहां रास रचाने, अगर देख ली लीला तो जा सकते हैं प्राण

वृन्दावन एक ऐसी जगह है जहां कोई भी जाकर मंत्र-मुग्ध हो जाता है। वहां के मंदिर किसी में भी भक्ति की भावना को जागृत कर देते हैं। लेकिन वृंदावन में एक वन जहां आज भी रात्रि में किसी को भी जाने की अनुमति नहीं है। यदि कोई रात में यहां रुक जाए तो उसकी मृत्यु हो जाती है। इससे एक मान्यता जुड़ी हुई है कि इस कलयुग के काल में भी भगवान कृष्ण और राधा यहां आकर रास रचाते हैं। यहां अनेकों वृक्ष हैं जो रात में गोपियों का रुप

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जानिए, गांधारी के 100 नहीं 102 थीं संतानें, गुस्से में पेट पर मुक्का मार गिरा दिया था गर्भ

गांधारी एक न्यायप्रिय महिला थी, लेकिन जब वो शादी होकर हस्तिनापुर आई थी तब वो जानती नहीं थी की उनके पति धृतराष्ट्र देखने में असमर्थ हैं। इसके पश्चात गांधारी को वेद व्यास द्वारा सौ पुत्रों का वरदान प्राप्त हुआ। महाभारत के काल में वरदान के द्वारा सब कुछ संभव था तो गांधारी ने वेद व्यास जी से पुत्रवती होने का वरदान प्राप्त कर लिया। गर्भ धारण के पश्चात दो वर्ष व्यतीत हो जाने पर भी जब पुत्र का जन्म नहीं हुआ तो गुस्से में गांधारी ने अपने पेट पर मुक्का

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मुहर्रम 2017: शिया मुस्लिम समुदाय के लोग क्यों मनाते हैं मुहर्रम वाले दिन शोक

मुहर्रम इस्लामिक कैलेंडर के पहले माह के 10 वें दिन होती है। मुहर्रम इस्लाम के प्रमुख चार महीनों में से एक है और इसे रमजान के बाद दूसरा पवित्र महीना माना गया है। इस साल मुहर्रम 1 अक्टूबर को है और इस दिन को शोक दिवस के रुप में मनाया जाता है। ये दिन मोहम्मद पैगम्बर के नवासी इमाम हुसैन की शहादत की याद में मनाया जाता है। यह कोई त्योहार नहीं बल्कि मातम का दिन है। इमाम हुसैन अल्लाह के रसूल पैगंबर मोहम्मद के नाती थे। यह हिजरी संवत

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