राजस्थान: गीता पर संस्कृत में निबंध प्रतियोगिता में मुस्लिम मजूदर का बेटा बना विजेता

राजस्थान में हिंदुओं के धार्मिक ग्रंथ श्रीमद् भगवद्गीता पर संस्कृत में निंबध प्रतियोगिता में 16 साल के एक मुस्लिम छात्र ने पहला स्थान हासिल किया है। राज्य स्तर पर हुई इस प्रतियोगिता में पहला स्थान हासिल करने वाले नदीम खान कहते हैं कि उन्हें संस्कृत से बहुत लगाव है। बीते सोमवार (18 दिसंबर) को अक्षय पात्र फाउंडेशन द्वारा आयोजित किए गए ‘गीता उत्सव’ की खास बात यह रही कि इसमें अन्य दो चोटी के स्थान भी मुस्लिम छात्रों ने हासिल किए हैं। प्रतियोगिता में जयपुर की जाहीन नक्वी (कक्षा-2) दूसरे नबंर पर जबकि जोराबिया नागौरी (कक्षा-4) तीसरे स्थान पर रहीं। सभी विजेताओं को पुरस्कार बुधवार (20 दिसंबर) को दिए जाएंगे।

सूबे के सरकारी स्कूल में कक्षा- 10 के छात्र नदीम खान आगे कहते हैं कि उन्हें कक्षा-6 के सिलेबस में संस्कृत पढ़ने का मौका मिला। जिन भाषाओं को वह जानते हैं उनमें संस्कृत सबसे अच्छी लगी। मजदूर के बेटे खान के अनुसार, ‘मैंने कभी नहीं सोचा था कि मैं संस्कृत बोलूंगा, यहां तक मुझे क्लास में भी संस्कृत बोलने का मौका मिला। इस प्रतियोगिता ने भाषा के प्रति मेरी भक्ति को स्वीकार किया है।’

नदीम खान कहते हैं, ‘संस्कृत की हमारी कक्षाओं में शिक्षक भी आमतौर पर बहुत कम ये भाषा बोलते हैं। उनका ज्यादातर रुझान सिर्फ भाषा को लिखने की तरफ होता है। हालांकि मैं भी धाराप्रवाह संस्कृत नहीं बोल सकता।’ गौरतलब है कि निबंध प्रतियोगिता में पहला स्थान प्राप्त करने वाले नदीम खुद पुरस्कार लेने के लिए उपस्थित नहीं होंगे। ऐसा इसलिए हैं क्योंकि बुधवार को उनकी परीक्षा है। इसलिए ये पुरस्कार उनके परिजनों को दिया जाएगा।

जानकारी के लिए बता दें कि तीन श्रेणियों में आयोजित की गई इन प्रतियोगितो में सूबे के 200 स्कूलों के आठ हजार छात्रों ने भाग लिया था। दूसरी तरफ जाहीन नक्वी द्वारा प्रतियोगिता में पुरस्कार जीतने पर पिता तनवीर अहमद (सरकारी कर्मचारी) कहते हैं कि उनकी बेटी ने इसके लिए काफी मेहनत की। हर रोज घंटों तक वह संस्कृत भाषा का पाठ करती और उच्चारण करती। यह परिवार के लिए गर्व की बात है।

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