संकट की घड़ी में लालू को कांग्रेस का कंधा

राष्टीय जनता दल (राजद) प्रमुख लालू प्रसाद को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआइ) की विशेष अदालत द्वारा चारा घोटाले के एक मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद कांग्रेस ने कहा कि इस ताजा घटनाक्रम के बावजूद राजद के साथ उसके गठबंधन पर कोई असर नहीं पड़ेगा। पार्टी का यह मानना है कि फौजदारी के मामले और राजनीतिक गठबंधन, दो अलग अलग चीजें हैं। पार्टी ने मांग की है कि जिस प्रकार चारा घोटाले में जांच हुई, उसी प्रकार सीबीआइ को सृजन घोटाले में भी जांच करनी चाहिए क्योंकि दोनों ही मामलों में सरकारी कोष से रकम की निकासी हुई है। रांची की एक विशेष सीबीआइ अदालत ने चारा घोटाले के एक मामले में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद सहित 16 लोगों को शनिवार को दोषी करार दिया, जिनको तीन जनवरी को सजा सुनाई जाएगी। वहीं इस मामले में राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्र सहित छह लोगों को अदालत ने निर्दोष करार देते हुए रिहा कर दिया। इस फैसले पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कांग्रेस के प्रवक्ता मनीष तिवारी ने पार्टी मुख्यालय में कहा कि कानून अपना काम करेगा। इस फैसले के कारण कांग्रेस के राजद के साथ गठबंधन पर पड़ने वाले प्रभाव के बारे में पूछने पर तिवारी ने कहा-यह मामला कोई आज तो शुरू नहीं हुआ। यह मामला 1993-94 में शुरू हुआ था। 1993-94 और आज के बीच राष्ट्रीय जनता दल के साथ हमारा गठबंधन रहा है। यूपीए प्रथम सरकार में वह शामिल रहे थे। हमारा महागठबंधन भी है। फौजदारी के मामले और राजनीतिक गठबंधन, दो अलग-अलग चीजें हैं। उन्होंने यह भी मांग की कि सुप्रीम कोर्ट की निगरानी वाले जांच दल से सृजन मामले की भी जांच कराई जानी चाहिए क्योंकि पार्टी का मानना है कि चारा घोटाले और इस मामले का आधार एक ही है। उन्होंने कहा कि सृजन घोटाले में भी सरकारी कोष के दुरूपयोग का आरोप है।

कांग्रेस नेता ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी यदि यह मानती है कि आज का जो फैसला रांची अदालत ने सुनाया है, सही है तो इसका भी वही बुनियादी आधार है जो सृजन मामले में पूरी तरह से लागू होता है। उन्होंने साथ ही यह भी आरोप लगाया कि जहां तक सीबीआइ और ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) का प्रश्न है, तो यह तय है कि बिहार में भाजपा-जद (एकी) गठबंधन को देखते ऐसी जांच संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि यदि कोई ऐसा सोचता है कि सरकार बाकी के पालतू तोते की तरह काम कर रही ये एजंसियां मुख्यमंत्री या किसी मंत्री की जांच करेंगे तो यह काल्पनिक पतंग की उड़ान है।  उन्होंने आरोप लगाया कि सीबीआइ सरकार के मन मुताबिक काम करने वाले तोते की तरह बर्ताव कर रही है। तिवारी ने 2जी मामले पर सीबीआइ अदालत के फैसलों की चर्चा करते हुए कहा कि अदालत का फैसला अभी वेबसाइट पर अपलोड भी नहीं हुआ था कि सीबीआइ व ईडी ने कह दिया कि वह इसके खिलाफ अपील करेगी। उन्होंने कहा कि सीबीआइ व ईडी सरकार की संस्थाएं हैं और उन्हें निष्पक्ष, तथ्यपरक व पारदर्शी ढंग से काम करना चाहिए।

राजद से गठबंधन जारी रहेगा। फौजदारी के मामले और राजनीतिक गठबंधन, दो अलग-अलग चीजें हैं। सीबीआइ सरकार के मन मुताबिक काम करने वाले तोते की तरह बर्ताव कर रही है। सीबीआइ को सृजन घोटाले में भी जांच करनी चाहिए क्योंकि दोनों ही मामलों में सरकारी कोष से रकम की निकासी हुई है।

– मनीष तिवारी, कांग्रेस प्रवक्ता

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