केरल में बीजेपी कार्यकर्ता की हत्या के मामले में सीपीएम के 11 कार्यकर्ताओं को मिली उम्रकैद की सजा

केरल के कन्नूर में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के एक कार्यकर्ता ए महेश की 10 साल पहले हुई हत्या के मामले में अब अदालत का फैसला आया है। अदालत ने इस मामले में सीपीएम के 11 कार्यकर्ताओं को हत्या का दोषी पाया है। इन सभी को कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई है।

2008 में हुई थी हत्या: साल 2008 में केरल में बीजेपी और सीपएम कार्यकर्ताओं के बीच जबरदस्त खूनी संघर्ष हुआ था। 6 मार्च 2008 को 32 वर्षीय ऑटो रिक्शा ड्राइवर ए महेश को चित्तारिपरंबा बस स्टैंड के पास शाम छह बजे के करीब मौत के घाट उतार दिया गया था। ए महेश की पीट-पीट कर हत्या की गई थी। हमलावरों ने इस दौरान दहशत फैलाने के लिए देसी बम भी फोड़े थे। इसके बाद हुए खूनी संघर्ष के दौरान तीन दिन में दोनों पक्षों के सात लोगों की जान चली गई थी। हत्या से कुछ ही दिनों पहले महेश ने सीपीएम छोड़ कर बीजेपी ज्वायन कर लिया था।

11 सीपीएम कार्यकर्ताओं को हुई सजा: महेश हत्याकांड में अभियोजन पक्ष ने 18 गवाहों से पूछताछ की थी। करीब 10 साल तक मामले की सुनवाई चली और फिर कन्नूर की तलासेरी अडिशन जिला सेशंस कोर्ट ने इस हत्याकांड में गुरुवार (5 जुलाई) को के पुरुषोत्तमन, सी सुनेश, एम सूरज, सी प्रकाशन, एम उमेश, नेल्लिका मुकेश, वी शिजू पी धनेश, ओ बाबू, वी रंजीत, और नेल्लिका उथामन को आजीवन कारावास की सजा का ऐलान किया है। जज आर एल बैजू ने विस्फोटक पदार्थ कानून के तहत 10 साल की सजा की भी घोषणा की। कोर्ट ने दोषियों पर 50-50 हजार रुपये का जुर्माना भी ठोका है। जुर्माने की कुल रकम में से तीन लाख रुपये पीड़ित परिवार को दिए जाने का अदालत ने आदेश दिया है।

इस केस में वकील केपी बिनेशा और पी प्रेमराज ए महेश की मां की तरफ से अदालत में पेश हुए। जिस वक्त दोषियों को सजा सुनाई गई उस वक्त महेश की मां भी अदालत में मौजूद थीं। यहां आपको बता दें कि बीते 22 जून को अदालत ने 5 सीपीएम कार्यकर्ताओं को भाजपा कार्यकर्ता पाराकंडी निखिल की हत्या के मामले में उम्रकैद की सजा सुनाई है। निखिल की हत्या थलासेरी के निकट वाडाकुंबड में 5 मार्च 2008 को कर दी गई थी।

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