नोटों को छूने से फैल रहीं बीमारियां? कारोबारियों ने जेटली से की जांच की मांग

व्यापारियों के संगठन कन्फेडरेशन आॅफ आॅल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने मुद्रा नोटों से स्वास्थ्य संबंधी खतरा पैदा होने वाली खबरों का हवाला देते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली को रविवार को चिट्ठी लिखी और इसके संबंध में जांच करने का आग्रह किया है। संगठन ने लोगों को करेंसी नोट के जरिए होने वाली बीमारियों से बचाने के लिए कारगर उपाय करने की भी अपील की है। कन्फेडरेशन आॅफ आॅल इंडिया ट्रेडर्स ने स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा एवं केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ हर्षवर्धन से भी मामले पर तुरंत संज्ञान लेने का आग्रह किया है।

संगठन ने विभिन्न अध्ययनों के निष्कर्ष का हवाला देते हुए दावा किया कि नोटों में बैक्टीरिया पाये गये हैं, जो बीमारियां फैलाते हैं और इनसे पेट खराब होना, टी.बी और अल्सर जैसी अन्य बीमारियों को खतरा हो सकता है। कैट के महासचिव प्रवीण खंडेलवाल ने कहा कि हर साल इस तरह की रिपोर्ट विज्ञान पत्रिकाओं में प्रकाशित होती है लेकिन दुख की बात स्वास्थ्य संबंधी जोखिम पर कोई ध्यान नहीं दिया जाता। उन्होंने कहा की देश में व्यापारी वर्ग मुद्रा नोट का सबसे ज्यादा इस्तेमाल करता है क्योंकि अंतिम उपभोक्ता से उसका सीधा संपर्क होता है और यदि यह शोध रिपोर्ट सत्य हैं तो यह व्यापारियों के स्वास्थ्य के लिए घातक है। यही नहीं, यह उपभोक्ताओं को भी प्रभावित करेगा।

काउंसिल ऑफ साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रियल रिसर्च (CSIR) के तहत आने वाले टॉप रेटिड संस्थान इंस्टीट्यूट ऑफ जीनोमिक्स एंड इंटीग्रेटिव बायोलॉजी (IGIB) ने पाया कि करेंसी नोट  से करीब 78 बीमारियां फैलती है। उनमें से ज्यादातर फुइंगि पाए गए थे लेकिन बैक्टीरिया भी थे जो डिसेंटरी, ट्यूबरक्युलोसिस और अल्सर जैसी बीमारियों का कारण बन सकते हैं। स्टडी में पाया गया था कि मुद्रा नोट पर अक्सर सूक्ष्म जीवों पाए जाते हैं और वह एक नोट पर ही एक जगह से दूसरी जगह जाते रहते हैं और माइक्रोबियल रोगों को फैला सकते हैं।

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